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युवकों का ब्रेनवॉश कर सोशल मीडिया पर आईएस का प्रचार करता था आतंकी अब्दुल रकीब, गिरफ्तार

खंडवा : इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकवादी मॉड्यूल का मुखिया अब्दुल रकीब कुरैशी 2009 व 2014 में भी गिरफ्तार हो चुका है। उसे कोलकाता पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने 9 जनवरी, 2022 को मध्य प्रदेश के खंडवा से गिरफ्तार किया था। तकनीक का जानकार खंडवा में रहकर युवकों का ब्रेनवॉश करने और सोशल मीडिया के जरिए आईएस का संदेश फैलाने के काम में लगा था।

कुरैशी को आतंकी मॉड्यूल में उसके दो अधीनस्थों मोहम्मद सद्दाम और सैयद अहमद से पूछताछ के आधार पर पकड़ा गया था, जिन्हें एसटीएफ ने 7 जनवरी को पश्चिम बंगाल के हावडा जिले से गिरफ्तार किया था। कुरैशी वर्तमान में पुलिस हिरासत में है।

पुलिस के सूत्रों ने बताया कि, कुरैशी को 2009 में हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 2014 में फिर से उसे तालिबान के समर्थन में नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। आईएस से जुड़े होने से पहले कुरैशी प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का एक वरिष्ठ और सक्रिय नेता था। कुरैशी को 2019 में जेल से रिहा किया गया था। उसके बाद वह युवाओं का ब्रेनवॉश करने और उन्हें आतंकी संगठन में शामिल करने के लिए आईएस संदेशों को फैलाने के लिए सोशल मीडिया में सक्रिय हो गया।

पुलिस के अनुसार, वह इसी महीने के दौरान नई दिल्ली में दूसरे आईएस कार्यकर्ता मोहम्मद सद्दाम से मिलने वाला था, लेकिन इससे पहले ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुरैशी ने सोशल मीडिया के जरिए मोहम्मद सद्दाम से मुलाकात की और उसे आईएस में शामिल होने के लिए प्रभावित किया। बाद में सद्दाम का ब्रेनवॉश किया गया और सैयद अहमद को आतंकी मॉड्यूल में शामिल कर लिया गया।

गिरफ्तार आरोपियों के बीच दो बातें सामान्य हैं। वे बेहद तकनीक-प्रेमी हैं और दोनों अरबी सहित कई भाषाओं के जानकार हैं। मोहम्मद सद्दाम एक कुशल इंजीनियर है, जबकि सैयद अहमद आलिया विश्वविद्यालय में मैकेनिकल इंजीनियरिंग का छात्र है। सद्दाम सीरिया और सऊदी अरब में आईएस संचालकों से अरबी भाषा में ही बातचीत करता था।

स्रोत : नवभारत टाइम्स

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