सेंट जोसफ विद्यालय में छात्र के माथे से तिलक हटाने के मामले ने तूल पकड़ लिया। शुक्रवार को मप्र राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकारसिंह राजपूत के सामने विद्यार्थियों ने समस्याएं बताई। वहीं विद्यालय में प्राचार्य के नहीं होने से शिक्षिका ने प्रबंधन की ओर से आयोग के सामने बात रखी। आयोग के सदस्य राजपूत ने कहा दो कक्षाओं के लगभग 35 से 40 विद्यार्थियों ने अपनी बात हमारे सामने रखी।
छात्र-छात्राओं ने कहा कि विद्यालय में हिंदू त्योहार नहीं मनाने दिए जाते हैं। नवरात्रि पर नंगे पैर रहकर उपवास करने वाले विद्यार्थियों के उपवास को तुडवाया जाता है। छात्राएं कान में बाली नहीं पहन सकती है। हाथ में बंधे कलावा को कैंची से काट दिया जाता है। सिक्खों के कड़ा पहनने और पगड़ी के प्रकार पर भी आपत्ति है। विद्यालय में सुबह 11 से दोपहर सवा तीन बजे तक विद्यार्थियों से अलग-अलग चर्चा की। इसके बाद दूसरी शिफ्ट में विद्यालय में छात्र के माथे तिलक हटाने की घटना के सीसीटीवी फुटेज देखे।
तिलक हटाने की पुष्टि हुई
विद्यार्थियों ने कहा हिंदू त्योहार नहीं मानने देते हैं। जांच में छात्र माथे से तिलक हटाने की पुष्टि उनके ही सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से हुई है। -ओंकारसिंह राजपूत, सदस्य, बाल संरक्षण आयोग
स्रोत: दैनिक भास्कर