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मुरादाबाद : हिंदू कॉलेज में बुर्का पहनी छात्राओं को प्रवेश से रोका, 17 दिन पहले लागू हुआ है ड्रेस कोड

छात्राओं ने कहा – ‘नहीं मानेंगे ड्रेस कोड’

मुरादाबाद में हिंदू कॉलेज में 17 दिन पहले एक जनवरी से ड्रेस कोड लागू किया गया था। प्राचार्य से लेकर चीफ प्रॉक्टर आदि ने यह बयान दिया था कि ड्रेस कोड सख्ती से लागू कराया जाएगा। इसके बाद भी ड्रेस कोड को लेकर हिजाब पहनी छात्राए बुर्का पहनने पर अडी दिखी ।

शिक्षकों का कहना है कि, यह अनुशासन का मामला है। कॉलेज की समिति ने मिलकर इस पर निर्णय लिया है, सभी शिक्षकों की इसमें सहमति रही। सभी विद्यार्थियों को भी पहले ही सूचना दी गई थी। अब इसे कुछ लोग दूसरी दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रदर्शन करने वाले छात्रों ने बुधवार को प्राचार्य पर आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन भाजपा की विचारधारा चला रहा है। इस पर प्राचार्य का जवाब था कि यह किसी पार्टी कि नहीं बल्कि अनुशासन की विचार धारा है। कुछ माह पहले प्रोफेसर डॉ. एनयू खान पर हुए हमले के बाद यह मुद्दा उठाया गया कि कॉलेज में ड्रेस कोड लागू होना चाहिए।

बुर्का पहनकर आईं छात्राओं को हिंदू कॉलेज के गेट पर रोकने से बुधवार दोपहर हंगामा हो गया। कॉलेज प्रशासन और छात्राओं की बहस के बीच वहां पहुंचे समाजवादी छात्र सभा पदाधिकारियों ने हंगामा शुरू कर दिया। धरना देकर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। कॉलेज ने ड्रेस कोड का हवाला देते हुए परिसर में बुर्के या किसी अन्य पहनावे की छूट देने से इन्कार कर दिया।

पहली जनवरी से ड्रेस कोड लागू करने के बाद से हिंदू कॉलेज में गेट पर चेकिंग की जा रही है। बिना यूनिफॉर्म वाले छात्र-छात्राओं को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। इसी व्यवस्था के तहत बुधवार दोपहर गेट पर मौजूद महिला प्रोफेसर ने बुर्का पहनकर आईं कुछ लड़कियों को रोक लिया। वे खुद को छात्रा बताते हुए परिसर में प्रवेश दिए जाने की मांग करने लगीं। प्रोफेसर ने ड्रेस कोड के नियम पर सख्ती जरूरी बताई। दोनों के अपनी-अपनी जिद पर अड़े रहने से अन्य छात्र-छात्राएं व प्रोफेसर भी वहां जमा हो गए।

स्रोत : अमर उजाला

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