फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई ने पिछले दिनों अपनी फिल्म काली को लेकर एक पोस्टर जारी किया था। जिसमें हिंदू देवी काली को एक हाथ में एलजीबीटीक्यू का झंडा पकड़े और सिगरेट पीते हुए दिखाया गया था। इस मामले में लीना के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई गई थी। पिछले दिनों लीना ने विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज मामले में दर्ज सभी मुकदमों को रद्द कराने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का रुख अपनाया था। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि, निर्माता लीना मणिमेकलाई के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा ।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने लीना की याचिका पर केंद्र, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों को नोटिस जारी किया। पीठ ने पाया कि लीना के खिलाफ एक लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।
#BREAKING SC grants interim protection to film maker Leena Manimekalai @LeenaManimekali in the multiple FIRs registered against her in various states over the Kaali film poster.
Court stays coercive steps based on present or future FIRs on same cause. https://t.co/1zOk1mLOXY
— Live Law (@LiveLawIndia) January 20, 2023
न्यायालय ने जारी किया नोटिस
बता दें कि, सर्वोच्च न्यायालय ने लीना मणिमेकलाई की उस याचिका पर उन लोगों को नोटिस जारी किया, जिसमें उनकी डॉक्यूमेंट्री फिल्म के पोस्टर को लेकर विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज कई एफआईआर को चुनौती दी गई थी और आगे की सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख तय की गई है। लीना के खिलाफ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों के संबंध में कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। इस स्तर पर, यह ध्यान दिया जा सकता है कि कई प्राथमिकी दर्ज करना गंभीर पूर्वाग्रह का कारण हो सकता है। हम नोटिस जारी करने के इच्छुक हैं, ताकि कानून के अनुसार सभी प्राथमिकी को एक जगह समेकित किया जा सके।’’
स्रोत : अमर उजाला