पूर्वोत्तर का प्रवेशद्वार कहे जाने वाले असम में तेजी से पनपने वाले मदरसों की तादाद और उनमें कट्टरपंथी तत्वों की बढती सक्रियता पर अंकुश लगाने की सरकार की मुहिम लगातार तेज हो रही है। कट्टरपंथियों को शरण देने के आरोप में अब तक कई मदरसों पर बुलडोजर चलाया जा चुका है। सरकार की दलील है कि, कट्टरपंथ पर अंकुश लगाने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
हम पहले चरण में मदरसों (राज्य में) की संख्या कम करना चाहते हैं। हम मदरसों में सामान्य शिक्षा देना चाहते हैं और मदरसों में पंजीकरण की व्यवस्था शुरू करना चाहते हैं। हम इस पर समुदाय के साथ काम कर रहे हैं और वे असम सरकार की मदद कर रहे हैं: असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा, गुवाहाटी pic.twitter.com/ky3dY32Vwp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 21, 2023
असम में छोटे मदरसों का होगा विलय
छोटे मदरसों का बड़े मदरसों में विलय होगा
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इसी कवायद के तहत असम सरकार ने हाल में निजी मदरसों का सर्वेक्षण कराया है। सर्वेक्षण के बाद अब तक राज्य के सौ से ज्यादा छोटे मदरसों का बड़े मदरसों में विलय कर दिया गया है। इससे पहले सरकार ने वर्ष 2020 के आखिर में सरकारी सहायता से चलने वाले करीब आठ सौ मदरसों को बंद कर उनको सामान्य स्कूलों में बदलने का फैसला किया था। प्रदेश के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि असम के बाहर से आ कर इन मदरसों में पढ़ाने वालों को अब समय-समय पर नजदीकी थाने में हाजिरी भी देनी होगी।
छोटे मदरसों का विलय
सरकार ने राज्यों में चल रहे छोटे मदरसों का बड़े मदरसों में विलय का काम शुरु कर दिया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत बताते हैं, “कथित रूप से कट्टरपंथ फैलाने में इस्तेमाल होने वाले छोटे मदरसों का बड़े मदरसों में विलय करने का फैसला किया गया है। इससे खतरा कम किया जा सकेगा।” महंत ने कहा कि तीन किलोमीटर की परिधि में केवल एक ही मदरसा होगा और 50 या उससे कम छात्रों वाले मदरसों का विलय नजदीक के बड़े मदरसों में कर दिया जाएगा।
राज्य के ऐसे सभी मदरसों का डेटाबेस तैयार करने के लिए एक सर्वेक्षण भी किया गया है। पुलिस महानिदेशक का कहना है कि असम में मुस्लिमों की अच्छी-खासी आबादी है और यह राज्य कट्टरपंथियों का स्वाभाविक लक्ष्य रहा है। ऐसी गतिविधियां आमतौर पर छोटे मदरसों में की जाती हैं। असम पुलिस बीते साल आतंकवादी संगठन अंसारुल बांग्ला टीम (एबीटी) और भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (एक्यूआईएस) के नौ मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर अब तक 53 संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार कर चुकी है। महंत के मुताबिक, बांग्लादेश में इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद इनके कार्यकर्ता अब असम के युवाओं को अपने जाल में फंसाने का प्रयास कर रहे हैं।
स्रोत : डीडब्ल्यू