कहा – ‘सनातन धर्म श्रेष्ठ, यहां भाई-बहन की शादी और तीन तलाक नहीं होता’
बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दिव्य दरबार में शनिवार को ओडिशा के तीन लोगों ने धर्म वापसी करके सनातन धर्म को अपनाने की घोषणा की। एक मुस्लिम युवती ने भी हिन्दू धर्म को अपनाने की घोषणा करते हुए कहा कि सनातन धर्म श्रेष्ठ है। इसमें भाई बहन की शादी नहीं होती। तीन तलाक कहकर छोड़ नहीं दिया जाता। मंच से महाराज ने सभी का स्वागत किया।
बागेश्वर धाम में मुस्लिम महिला ने बदला धर्म, सुलताना से बनी शुभी दासी#Bageshwardham #BageshwarDhamSarkar pic.twitter.com/ujlJClI9bL
— Oneindia Hindi (@oneindiaHindi) January 23, 2023
समस्या पूछे बिना ही पहले ही कागज पर लिखा
इससे पहले दिव्य दरबार में महाराज ने अनेक भक्तों की अर्जी सुनी। उनकी समस्याओं को पूछे बिना ही पहले से ही कागज पर लिखकर रखा और समाधान करने बागेश्वर बाबा पर विश्वास रखने कहा। एक भाजपा नेत्री से कहा कि वे चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं, इस पर नेत्री ने स्वीकार किया कि वे दक्षिण विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहती हैं। भाजपा से टिकट पाने के लिए प्रयासरत भी हैं।
एक महिला से कहा कि उनकी बेटी का मर्डर हो चुका है, तुम्हारा तलाक हो चुका है। एक से कहा कि तुम्हारे बेटे को गुस्सा आता है, उसका कैरियर बन जाएगा। एक महिला को ढाई साल के भीतर संतान होने की बात कही।महाराज ने कहा कि पादरियों के चक्कर में न पड़ें।
दरबार के बीच ही भूत, प्रेत का साया चढ़ा, पढ़ी हनुमान चालीसा
दरबार के दौरान ही अनेक महिलाओं को भूत का साया चढ़ा और वे झूमने लगी। महाराज ने हनुमान चालीसा की चौपाई गाकर उन्हें शांत किया।
पाखंडियों के मुंह पर बांधेंगे ठठरी, देंगे मुंहतोड़ जवाब
मालूम हो कि बागेश्वर धाम के महाराज पं.धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने गुढ़ियारी में दिव्य दरबार लगाया। दरबार में अनेक श्रद्धालुओं को बुलाया और बिना उनसे पूछे उनकी समस्याओं को पर्ची पर लिखा। समस्याओं के समाधान के लिए बागेश्वर महाराज पर विश्वास रखने के लिए कहा। दरबार के जरिए महाराज ने नागपुर में उन पर लगाए गए भगोड़े के आरोप का जवाब दिया। साथ ही चुनौती दी कि यदि आजमाना हो तो शनिवार को लगने वाले दरबार में नागपुर के तथाकथित आरोप लगाने वाले लोग आ जाएं। महाराज ने कहा कि पाखंडियों के मुंह पर बागेश्वर महाराज ठठरी बांधेंगे। हम सनातन धर्म की अलख जगाने आए हैं और झंडा गाड़कर रहेंगे।
स्रोत : नई दुनिया