Menu Close

गैर-मुस्लिमों को इस्लामी शिक्षा देना संविधान का उल्लंघन : NCPCR ने उप्र मदरसा बोर्ड को फटकारा

निर्देश के बावजूद प्रवेश देने की कर रहे थे बात

उत्तर प्रदेश के मदरसों में गैर-मुस्लिम बच्चों को पढ़ाने को लेकर बवाल हो गया है। इस विवाद पर यूपी मदरसा बोर्ड और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) आमने-सामने आ गए हैं।

NCPR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा है, “यूपी मदरसा बोर्ड ने एक आपत्तिजनक और मूर्खतापूर्ण बयान दिया कि वह मदरसों में गैर-मुस्लिम छात्रों को प्रवेश देना जारी रखेगा। हमने विशेष सचिव, अल्पसंख्यक विभाग को लिखा है कि गैर-मुस्लिम छात्रों को इस्लामी शिक्षा देना अनुच्छेद 28 (3) का उल्लंघन है और उनसे 3 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है।”

NCPCR ने कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि मदरसों में पढने वाले गैर-मुस्लिम बच्चों का सर्वे करके उनका प्रवेश अन्य ‍विद्यालयों में कराया जाए। हालांकि, बाल आयोग की इस सिफारिश को मदरसा बोर्ड ने खारिज कर दिया।

इसके बाद NCPCR ने उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग के विशेष सचिव को नोटिस भेजा है। नोटिस में बाल आयोग ने इस मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा है। NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने नोटिस में कहा है कि 8 दिसंबर 2022 को भेजे पत्र पर अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ विभाग के तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

उधर, यूपी राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने मदरसों में अन्य धर्मों के बच्चों के पढ़ने की वकालत की है। जावेद ने कहा था कि NCPCR का पत्र मिलने के बाद उस पर निर्णय लिया गया है कि गैर मुस्लिम बच्चों को मदरसों से निकाल कर दूसरी जगह प्रवेश दिलाने की व्यवस्था नहीं की जाएगी। यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड ऐसी कोई कार्यवाही नहीं करेगा।

जावेद के बयान पर NCPCR ने कहा कि वह मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के बयान से पूरी तरह असहमत है। मदरसों में गैर-मुस्लिम बच्चों को पढ़ाना न केवल बच्चों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है, बल्कि आयोग के शासनादेश का भी अनादर करता है।

स्रोत: ऑप इंडिया

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *