बेंगलुरु में अपनी गर्भवती बीवी की हत्या करने वाला नासिर हुसैन (Nasir Hussain) बांग्लादेशी घुसपैठिया निकला। पुलिस जाँच में इसका खुलासा हुआ है। दरअसल नासिर हुसैन ने निकाह के महज छह माह बाद 15 जनवरी 2023 को 22 वर्षीया बीवी नाज खानम (Naz Khanum) की हत्या कर दी थी। तब से वह अपने देश बांग्लादेश भागने की फिराक में था, लेकिन 19 जनवरी 2023 को वह कोलकाता में पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
बेंगलुरु सिटी के साउथ ईस्ट डिवीजन पुलिस ने आरोपित नासिर हुसैन को कोलकाता के बाहरी इलाके में पकडा था। वह सिलीगुडी के रास्ते अपने देश बांग्लादेश भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वह असफल रहा। इसके बाद वह कोलकाता वापस आ रहा था, जहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बेंगलुरु पुलिस ने आरोपित नासिर को पकडने के लिए पश्चिम बंगाल के पाँच जिलों की पुलिस से समन्वय स्थापित किया हुआ था।
नाज खानम के परिजनों को नासिर हुसैन के बारे में गलत जानकारी थी। उनका मानना था कि नासिर पश्चिम बंगाल जिले का रहने वाला है और अनाथ है। पुलिस से उसके बांग्लादेशी होने की जानकारी मिली। नासिर हुसैन के पास से पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड, वोटर कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
वहीं जाँचकर्ताओं के अनुसार, “हुसैन 2013-14 में अवैध रूप से बांग्लादेश से भारत आया था। वह पेशे से हार्डवेयर इंजीनियर था। हालाँकि उसके पास इसके लिए कोई डिग्री नहीं थी और दिल्ली, गुरुग्राम और कोलकाता में काम करते-करते मोबाइल और लैपटॉप रिपेयरिंग का काम सीख गया था।” इसके बाद वह बेंगलुरु चला गया।
अधिकारी के अनुसार, “हुसैन को शक था कि उसकी पत्नी का उसकी बहन के पति इलियास पाशा से अफेयर है और होने वाला बच्चा उसका नहीं है। इस बाबत वह अपनी बीवी से बच्चा गिराने के लिए कह रहा था। जब उसने ऐसा करने से मना किया तो हुसैन ने उसकी हत्या कर दी। अगले दिन हुसैन ने अपनी बीवी के भाई को उसकी मौत की जानकारी देकर शहर से भाग गया।”
बकौल पुलिस अधिकारी, घटना के बाद से हुसैन लगातार बांग्लादेश भागने का प्रयास करता रहा, लेकिन वह असफल रहा और अंतत: 19 जनवरी 2023 को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। हुसैन तीन वर्ष पहले बेंगलुरु आया था और नाज खानम के घर के पास ही उसने किराए पर घर पर लिया था। दोनों के बीच प्यार हो गया और फिर दोनों ने 6 महीना पहले निकाह कर लिया।
डीसीपी (साउथ ईस्ट) सीके बाबा ने बताया, “हुसैन को भारत-बांग्लादेश सीमा पार करने के सभी रास्तों की जानकारी थी। सीमा पार करने का उसका पहला प्रयास विफल हो गया था, क्योंकि वहां सुरक्षा अधिकारी तैनात थे। इसलिए उसने दूसरा रास्ता चुना, जहां पुलिस ने उसे पकड लिया। बाद में उसे बेंगलुरु लाया गया।”
संदर्भ : ऑपइंडिया