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इलाज के नाम पर पूरे परिवार को बनाया ईसाई, घर से फिकवा दीं हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां

देश भर में लोभ-लालच के जरिए धर्मांतरण (Religious Conversion) का खेल जारी है। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक बार फिर जनजातीय समूह के पूरे परिवार का धर्मांतरण कराने का मामला सामने आया है। इंदौर में जनजाति समाज के एक व्यक्ति का इलाज कराने के बहाने उसके पूरे परिवार को धर्म परिवर्तन कराकर ईसाई बना दिया गया।

इस मामले की जानकारी जब हिंदूवादी संगठनों को हुई तो उन्होंने हंगामा कर दिया। इस मामले में तीन महिलाओं सहित सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। यह घटना सांवेर और शिप्रा के बीच आने वाले ग्राम हतुनिया फाटा का है। F

इस गाँव के रहने वाले मान सिंह बिलवाल की शिकायत पर धर्म परिवर्तन के मामले में पास्टर राय सिंह, उसकी पत्नी उर्मिला, बेटे खेमराज, दोस्त हाकिम, उसकी पत्नी मंगली, मान सिंह और उसकी पत्नी कालीबाई के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

खेतिहर मजदूर 30 वर्षीय मानसिंह का कहना है कि दो साल पहले उसकी तबीयत खराब हो गई थी। उसने कई जगह इलाज कराया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। इसी दौरान किसी ने उसे बताया कि झाबुआ के छापरी गाँव में एक चर्च है, जहाँ उसका अच्छे से उपचार हो जाएगा। इसके बाद वह चर्च चला गया।

मानसिंह का कहना है कि जब वह चर्च पहुँचा तो चर्च में उसे पास्टर राय सिंह मिला। वहाँ उन लोगों ने ईसाई धर्म के भगवान का नाम लेने के लिए कहा। इस दौरान उन लोगों ने उसे पानी पिलाया और कुछ दवाएँ भी दीं। इसके बाद वह ठीक होने लगा।

पीड़ित ने कहा कि करीब एक साल पहले पास्टर राय सिंह अपने बेटे और पत्नी को लेकर उनसे मिलने आए। बातचीत के दौरान पास्टर ने कहा कि ‘तुम्हारे भगवान कम शक्तिशाली हैं। तुम्हें ईसाई धर्म के भगवान ने ठीक किया है।’ मानसिंह ने कहा कि इसके बाद पास्टर ने घर से हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीर और मूर्तियों को बाहर निकलवा दिया।

पास्टर पर लालच देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उसे कुछ रुपए दिए गए। इसके साथ ही कुछ धार्मिक पुस्तकें भी पढ़ने के लिए दी गईं। इसके बाद पास्टर राय सिंह ने उससे ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहा। पास्टर ने कहा कि ईसाई बनने पर परिवार के बच्चों को अच्छी एजुकेशन, हेल्थ सहित कई सुविधाएँ फ्री में मिलेंगी।

पीड़ित जनजाति ने आरोप लगाया कि इसके बाद पास्टर लगातार उसकी आर्थिक मदद करने लगा। इसके साथ ही वह उसे चर्च आने के लिए कहने लगा। मानसिंह का कहना है कि सोमवार (23 जनवरी 2023) को सोमवार को पास्टर अपनी पत्नी, बेटा और अन्य लोगों के साथ उसके घर आया।

इस दौरान पास्टर ने उसे एक धार्मिक पुस्तक ली और उसमें से कुछ पढ़ते हुए उसके शरीर पर पानी के छींटे डाले। ये सब करने के बाद उसने कहा कि इसके बाद कहा, “अब तुम लोग परिवार सहित ईसाई बन गए हो।” पीड़ित का कहना है कि वह इसके लिए राजी नहीं हुआ और इसके बारे में अपने परिचित को बताया।

संदर्भ : ऑपइंडिया

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