उत्तराखंड की हरिद्वार पुलिस (Haridwar Police, Uttarakhand) ने लोगों के करोडों रुपए लेकर फरार हुए मुस्लिम फंड के संचालक अब्दुल रज्जाक सहित 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पकडे गए 2 अन्य आरोपित प्रॉपर्टी डीलर बताए जा रहे हैं। इन आरोपितों पर काले धन को सफेद करने की साजिश का आरोप लगा है।
बताया जा रहा है कि पकडे गए आरोपितों के तार विदेशों से भी जुडे हैं, जहाँ से इन्हें मोटी रकम मिलने का भरोसा दिया गया था। इस केस में पुलिस की जाँच अभी जारी है और मामले से जुडे बाकी आरोपितों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने इस पूरे मामले का खुलासा शुक्रवार (27 फरवरी 2023) को किया है।
हरिद्वार पुलिस के मुताबिक, मामले की शिकायत 22 जनवरी 2023 को कोतवाली ज्वालापुर में की गई थी। शिकायतकर्ता का नाम वसीम राव है, जो इसी थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर का रहने वाला है। वसीम राव ने ज्वालापुर के ही सराय क्षेत्र में रहने वाले अब्दुर रज्जाक पर 2.81 लाख रुपए हडपने आरोप लगाया था। राव ने कहा था कि रज्जाक ने और भी कई लोगों के पैसे हड़प लिए हैं।
पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद रज्जाक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 406 और 420 में FIR दर्ज कर अब्दुल रज्जाक को गिरफ्तार कर लिया। रज्जाक ने पूछताछ में अपने साथियों- नसीम उर्फ मुन्ना और मशरूर का भी नाम लिया। नसीम और मशरूर प्रॉपर्टी डीलर बताए जा रहे हैं। पुलिस ने इस दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने गिरफ्तार तीनों आरोपितों से पूछताछ की। इन तीनों ने अपने रैकेट का खुलासा किया, जिसके आधार पर अन्य आरोपितों को भी चिन्हित कर लिया गया है। बाकी आरोपित फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास चल रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्य आरोपित अब्दुल रज्जाक कबीर म्यूचुअल बेनिफिट निधि लिमिटेड (मुस्लिम फंड) का संचालक था। वह मुस्लिमों के पैसे म्युचुअल फंड में लगाकर उन्हें फायदा देने का वादा किया करता था।
रज्जाक साल 1998 से मुस्लिम फंड चला रहा था। उसके कबीर म्यूूचुअल बेनिफिट निधि लिमिटेड को साल 2020 में कारपोरेट विभाग से मान्यता भी मिल गई थी। आरोपित के मुस्लिम फंड में 13,382 खाते चल रहे थे। इन एकाउंट में 8716 खाते ऐसे भी थे, जिसमें 500 से कम रुपए जमा थे। कुल मिलाकर रज्जाक के मुस्लिम फंड में लगभग 7.5 करोड रुपए जमा थे। इसके अलावा कुछ लोगों का सोना गिरवी रख कर रज्जाक ने लगभग डेढ़ करोड रुपए 12% सालाना ब्याज पर बाँट रखा था। पुलिस का यह भी कहना था कि उसके फंड में लोग बिना ब्याज लिए पैसे जमा करते थे। गौरतलब है कि इस्लामी जानकार ब्याज पर पैसे लेना या देना हराम मानते हैं।
आरोप है कि रज्जाक ने साल 2013 में मुस्लिम फंड से हुई कमाई से अपने साथियों नज्म और मशरूर के साथ मिलकर हरिद्वार में प्रॉपर्टी खरीदी। वह मुस्लिम फंड के अलावा प्रॉपर्टी डिलिंग भी कर रहा था। इस बीच रज्जाक के साथियों नसीम और मशरूर को उसके मुस्लिम फंड में अच्छे खासे पैसे होने की भनक लग गई।
इन दोनों ने साल 2020 में रज्जाक को संभल जिले के अंसार से मिलवाया। अंसार ने अपने एक साथी साजिद के मुंबई में होने की जानकारी दी। अंसार ने रज्जाक को बताया कि साजिद का एक साथी लंदन में रहता है, जो 100 करोड रुपए के काले धन को किसी रजिस्टर्ड संस्था को डोनेट कर के उसे सफ़ेद करना चाहता है।
अंसार ने रज्जाक को झांसा देते हुए यह भी कहा कि वह लंदन का पैसा मुस्लिम फंड वाले खाते में मंगवा ले, जिसकी एवज में उसे 20 करोड रुपए मिलेंगे और 80 करोड रुपए वापस करने होंगे। अंसार ने रज्जाक को मिलने वाले 20 करोड रुपए से थोडा पैसा दिखाने के लिए सामाजिक कार्यों में लगाने और बचा पैसा आपस में बाँट लेने की जानकारी दी। अंसार ने लंदन के काले धन के अलावा रज्जाक को 1 हजार करोड रुपए की पुरानी नोट बदलवाने का भी काम देने का झांसा दिया।
रज्जाक पूरी तरह से अंसार के झांसे में आ गया। उसने लंदन का काला धन मंगवाने की एवज में 3.5 करोड रुपए व पुराने नोट बदलने के नाम पर 2 करोड रुपए कमीशन एडवांस के तौर पर अंसार को दे दिए। पैसे जुटाने के लिए रज्जाक ने 4 करोड रुपए की खरीदी जमीन को महज 2 करोड रूपयों में बेच दिया। 5 करोड रुपए से ज्यादा पैसा पाकर साजिद का फोन बंद हो गया। इधर अंसार लगातार रज्जाक को झांसा देता रहा और गाजियाबाद ले जाकर उस से लोनी की एक जमीन उसके नाम करने के नाम पर 2 करोड़ रुपए और माँगे। आख़िरकार तब जाकर रज्जाक को अपने साथ हुई धोखाधडी का एहसास हुआ।
वहीं दूसरी तरफ उसके मुस्लिम फंड के खाताधारक अपने पैसे की माँग करने लगे। रज्जाक ने उन्हें बहुत दिनों तक टालने और इधर-उधर भटकाने की कोशिश की। आखिरकार वसीम राव नाम के एक खाताधारक ने पुलिस ने रज्जाक की शिकायत कर दी। उत्तराखंड पुलिस के 15 जवानों ने 6 टीमें बना कर इस मामले का पर्दाफाश किया। बाकी रज्जाक, नसीम, मशरूर की गिरफ्तारी के साथ बाकी आरोपितों की तलाश की जा रही है।
संदर्भ : ऑपइंडिया