झारखंड के जामताड़ा (Jharkhand) में माँ सरस्वती की मूर्ति विसर्जन (Saraswati Puja 2023) के दौरान शुक्रवार (27 जनवरी 2023) को कट्टरपंथी मुस्लिमों ने पथराव कर दिया। इससे 2 पुलिसकर्मी समेत कई लोग घायल हो गए। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को 15 राउंड फायरिंग करनी पड़ी। फिलहाल पुलिस आरोपितों की तलाश कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जामताड़ा जिले के नारायणपुर थाना अंतर्गत डोकीडीह गाँव में हिंदू युवक माँ सरस्वती की मूर्ति विसर्जन करने जा रहे थे। विसर्जन के रास्ते में कुछ मुस्लिमों के घर हैं। विसर्जन जुलूस जैसे ही मुस्लिम बस्ती के पास पहुँचा, वहाँ के लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया। हिंदू पक्ष ने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी।
पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को समझाया। इस पर हिंदू बिना डीजे के मूर्ति विसर्जन करने को राजी हो गए। इसी दौरान कट्टरपंथी मुस्लिमों ने अचानक हल्ला मचाना शुरू कर दिया। इसके तुरंत बाद उन्होंने मूर्ति और हिंदुओं पर पत्थरबाजी भी शुरू कर दी। पत्थरबाजी घर की छतों से भी की गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस तरह से पत्थरबाजी हुई है, उससे कहा जा सकता है कि यह सुनियोजित घटना है। इतने अधिक पत्थर घरों में पहले ही इकट्ठे किए गए थे। अचानक हुए इस हमले से पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। यही नहीं, उपद्रवियों ने लोगों के घरों में घुसकर महिलाओं और बच्चों से मारपीट भी की।
इस पत्थरबाजी में मूर्ति विसर्जन करने जा रहे हिंदुओं समेत 2 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। शुरू में पुलिस ने समझाइश देकर हालात में काबू पाने की कोशिश की, लेकिन हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को 15 राउंड फायरिंग तक करनी पड़ी।
इस घटना के बाद रात करीब 9 बजे पुलिस अधिकारी एसपी, एसडीओ, एसडीपीओ, जामताडा, करमाटांड और नारायणपुर थाने की पुलिस तथा आईआरबी के जवानों की मौजूदगी में माँ सरस्वती की प्रतिमा विसर्जन हुआ। विसर्जन के दौरान भी मुस्लिम समुदाय के लोग इसका विरोध करते रहे।
जामताड़ा के डीसी फैज अहमद मुमताज ने कहा है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने सामाजिक सौहार्द्र बिगाडने की कोशिश की है। किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा। आरोपितों को चिह्नित किया जा रहा है। सभी को गिरफ्तार कर शांति बहाल की जाएगी।
संदर्भ : ऑपइंडिया