गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाले आतंकी अहमद मुर्तजा अब्बासी को फाँसी की सजा सुनाई है। एटीएस-एनआईए कोर्ट ने सोमवार (30 जनवरी 2022) को उसे सजा सुनाई। ‘अल्लाह-हू-अकबर’ चिल्लाते हुए उसने 4 अप्रैल 2022 को मंदिर में घुसने की कोशिश की थी। सुरक्षा में तैनात PAC जवानों पर धारदार हथियार से हमला किया था। हमले के बाद विक्षिप्त बताकर मुर्तजा को बचाने के प्रयास भी हुए थे, जिसे डॉक्टरों ने खारिज कर दिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुर्तजा अब्बासी केस की सुनवाई गोरखपुर के NIA/ATS कोर्ट में हुई। मुर्तजा पर देश के खिलाफ जंग छेडने की धारा (UAPA) और पुलिस वालों पर जानलेवा हमले की धारा 307 IPC के तहत केस दर्ज हुआ था। न्यायाधीश विवेकानंद ने ATS द्वारा पेश किए गए दावों को सजा के लिए पर्याप्त बताया। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने अहमद मुर्तजा को जो वकील उपलब्ध करवाया था आरोपित ने उनके साथ भी सहयोग नहीं किया। सुनवाई के दौरान मुर्तजा बार-बार मानसिक बीमारी की दुहाई भी देता रहा।
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मुर्तजा अब्बासी को फांसी की सजा pic.twitter.com/EJi547zs5O— News18 Uttar Pradesh (@News18UP) January 30, 2023
लेकिन मुर्तजा अपनी मानसिक बीमारी को साबित करने का कोई प्रमाण कोर्ट में पेश नहीं कर पाया। ATS ने कोर्ट में मुर्तजा के हमले को लोन वुल्फ अटैक बताया था। ऐसे हमलों में कोई व्यक्ति अपने टारगेट पर अकेले ही घात लगा कर हमला करता है। बताया जा रहा है कि ATS की जांच में यह बात भी निकल कर आई कि मुर्तजा भारत को इस्लामिक मुल्क बनाने के साथ अन्य धर्म के लोगों को अधिक से अधिक नुकसान पहुँचाने की फ़िराक में था।
क्या था पूरा मामला
मुर्तजा ने 4 अप्रैल 2022 को गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में अकेले ही धारदार हथियार से हमला किया था। इस हमले को रोकने का प्रयास कर रहे PAC के 2 जवानों को गंभीर चोटें आईं थीं। मुर्तजा ने पुलिसकर्मियों के हथियार भी छीनने की कोशिश की थी। हालांकि उसे मौके पर ही पकड लिया गया था।
पुलिस ने मुर्तजा की करतूत को आतंकी हमला बताया था और मामले की जांच आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) को सौंप दी गई थी। पुलिस ने अपनी जांच में मुर्तजा को ISIS की विचारधारा से प्रेरित पाया था जो ज़ाकिर नाइक के वीडियो देखा करता था। इस बीच मानसिक बीमारी का बहाना बता कर उसके परिजनों ने उसकी हरकत पर पर्दा डालने की बहुत कोशिश की थी। अभियोजन पक्ष ने इस मामले में दलील देते हुए मुर्तजा अब्बासी के मनोरोगी होने के दावों को नकारते हुए उसे उच्च शिक्षित बताया और उसकी हरकत को जानबूझकर किया गया आतंकी हमला बताया।
संदर्भ : ऑपइंडिया