राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल में सुभाष नाम के एक बंदी पर हमले का मामला सामने आया है। सुभाष का दावा है कि उस पर धर्मांतरण का दबाव डाला जा रहा था। जेल के भीतर हिंदू विरोधी किताबें बाँटी जाती है। वकार और अशरफ सहित 6 लोगों पर उसने हमले का आरोप लगाया है। ये सभी आतंकवाद के आरोपों में जेल में बंद हैं।
घटना रविवार (29 जनवरी 2023) की है। सुभाष का इलाज चल रहा है। जोधपुर पुलिस ने जाँच की बात कही है। दैनिक भास्कर ने जेलर के हवाले से घटना को कैदियों के बीच का झगड़ा बताया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जोधपुर सेंट्रल जेल के वार्ड नंबर 15 में बंद सुभाष विश्नोई नाम के एक बंदी ने आरोप लगाया है कि लगभग डेढ माह से उस पर अशरफ और वकार इस्लाम कबूलने का दबाव बना रहे थे। इससे वह मानसिक तनाव में था। आरोप के मुताबिक रविवार सुबह 11 बजे जब वह अपनी बैरक से बाहर निकला तब अशरफ और वकार सहित आधे दर्जन बंदियों ने उस पर हमला कर दिया। इस हमले में सुभाष की पसलियों में फैक्चर हो गया। साथ ही उसके हाथ और मुँह पर भी चोटें आईं हैं।
जेल प्रशासन को भी कठघरे में खडा करते हुए सुभाष ने कहा कि वह 3 दिनों से मौखिक तौर पर इसकी शिकायत अधिकारियों से कर रहा था। पीडित के मुताबिक उन्हें लिखित शिकायत के लिए कलम और कागज ही नहीं मिला। बताया जा रहा है कि जेलर राजपाल सिंह ने सुभाष को सुरक्षा का भरोसा दिया था। सुभाष का यह भी आरोप है कि जेल के अंदर हिन्दू धर्म के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। उसने आरोपित बंदियों पर अन्य बंदियों को हिन्दू धर्म विरोधी किताबें पढाने का भी आरोप लगाया है। सुभाष पर हमला करने के आरोपित करीब 8 साल पहले ATS द्वारा आतंकी मामलों में पकडे गए थे।
@DCPEastJodhpur की गई कार्यवाही व वर्तमान स्थिति से अवगत कराएं।
— Jodhpur Police (@CP_Jodhpur) January 29, 2023
अशरफ और वकार के हमले में घायल सुभाष को जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। हालाँकि जेल प्रशासन ने पॉक्सो केस में बंद सुभाष के आरोपों की पुष्टि नहीं की गई है। इस घटना पर जोधपुर पुलिस कमिश्नर ने DCP पूर्व से वर्तमान कार्रवाई की जानकारी तलब की है।