भारत को इस्लामिक मुल्क बनाने के पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की साजिश को लेकर महाराष्ट्र एटीएस ने बडा खुलासा किया है। प्रतिबंधित संगठन PFI के 5 कट्टरपंथियों के खिलाफ दायर चार्जशीट में कहा गया है कि इनका इरादा 2047 तक भारत को इस्लामिक मुल्क बनाना था। रिपोर्टों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं का नाम लेकर मुस्लिम युवाओं को उकसाया जा रहा था। इनके पास से एक हिंदू घृणा से भरी किताब भी मिली है।
महाराष्ट्र एटीएस ने गुरुवार (2 फरवरी 2023) को चार्जशीट दाखिल की थी। इस चार्जशीट को लेकर रिपब्लिक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एटीएस ने पीएफआई के इन आरोपितों के फोन से ‘365 डेज: थ्रू अ थाउजेंड कट्स (365 days: Through a Thousand Cuts)’ नामक किताब जब्त की थी। इस किताब में कहा गया है कि साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने आने के बाद से देश में मुस्लिमों के लिए स्थितियाँ बदल गई हैं। इस किताब एक पैराग्राफ में लिखा है, “मोदी के सत्ता में आने के अगले ही दिन से सभी बुरी ताकतें सामने आ गईं। नफरत फैलाने वाले लोगों ने जहर उगलना शुरू कर दिया। उन सभी को यह लग रहा है कि भारत एक हिंदू राष्ट्र बन चुका है।”
हिंदुओं के खिलाफ नफरत से भरी हुई इस किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात में हुए 2002 के दंगों का भी जिक्र है। दंगों के समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इसके अलावा एटीएस द्वारा जब्त की गई इस किताब में योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और गिरिराज सिंह समेत कई अन्य हिंदू नेताओं का भी जिक्र किया गया है।
इस किताब में पीएफआई और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के संबंधों का भी खुलासा हुआ। इस किताब में एसडीपीआई का नाम बतौर प्रकाशक लिखा हुआ है। हालाँकि, एसडीपीआई ने पीएफआई से अपने संबंधों को कभी स्वीकार नहीं किया है। लेकिन इसे पीएफआई की शाखा के रूप में देखा जाता है।
चार्जशीट में एटीएस ने बताया है कि पीएफआई भारत को इस्लामिक राज्य बनाने के लिए मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बना रहा था। गिरफ्तार कट्टरपंथियों ने मुस्लिम युवाओं को लेकर महाराष्ट्र के कई जिलों में सभाएँ की थी।
बता दें कि महाराष्ट्र एटीएस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सितंबर 2022 में छापेमार कार्रवाई करते हुए पीएफआई से जुड़े 21 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से 5 आरोपित मुंबई से गिरफ्तार हुए थे। इन 5 आरोपितों की पहचान मजहर खान, सादिक शेख, मोहम्मद इकबाल खान, मोमिन मिस्त्री और आसिफ हुसैन खान के रूप में हुई थी। इन सभी को गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने और देश के खिलाफ युद्ध छेडने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
संदर्भ : ऑपइंडिया