- प्रतिबंध के बावजूद मुजफ्फरपुर में ट्रेनिंग कैंप चला रहा था PFI
- कादिर अंसारी के घर हुई थी बैठक, छापेमारी में संदिग्ध पोस्टर और डायरी बरामद
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के बिहार मॉड्यूल को बैन कर दिया गया है। इसके बाद अब पीएफआई ने अपना प्लान बदल दिया है। अब पीएफआई सेना की तरह ट्रेनिग देने की जगह महत्वपूर्ण लोगों को टारगेट कर उन्हें जान से मारने की योजना बना रहा है। इस बात की जानकारी इस संगठन की जांच कर रहे एनआईए की टीम ने दी है। एनआईए ने कहा कि, इस संगठन पर सरकार की कार्रवाई के बाद अब यह धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए अब सिर्फ टार्गेट किलिंग पर ही काम कर रहा है।
PFI पर देशभर में प्रतिबंध लगने के बाद मुजफ्फरपुर के बरूराज थाना के परसाैनीनाथ स्थित माे. कादिर अंसारी के घर बीते सितंबर-अक्टूबर में PFI की गुप्त बैठक करने का खुलासा हुआ है। साेमवार काे माे. कादिर के घर छापेमारी के दाैरान PFI का बैनर व घर से दाे तलवार मिलने के बाद NIA ने बरूराज थाने में पांच के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। पूर्वी चंपारण के चकिया के बेलाल उर्फ इरशाद की गिरफ्तारी के बाद बरूराज में छापेमारी की गई।
NIA काे पूर्वी चंपारण के मेहसी, चकिया व मुजफ्फरपुर के बरूराज से लेकर दरभंगा तक PFI का लिंक मिला है। इस इलाके के PFI मेंबर का तार तमलिनाडू के मो. रोसलेन से भी जुड़ा हुआ है। प्रतिबंधित संगठन PFI को मजबूत करने के लिए उत्तर बिहार में पीएफआई की ट्रेनिंग, भर्ती और अन्य गतिविधियां गुपचुप तरीके से अंजाम दी जा रही है।
जांच प्रक्रिया में एनआईए के साथ बिहार की एटीएस का मुख्य निशाना याकूब को गिरफ्तार करने के साथ ही सरगना रेयाज मारूफ के कुछ करीबियों को दबोचना है। मोतिहारी मॉड्यूल में एनआईए की टीम अब तक तीन संदिग्धों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
याकूब की गिरफ्तारी इस पूरे मामले में बेहद अहम मानी जा रही है। याकूब मोतिहारी इलाके में युवाओं को पीएफआई के बैनर तले ट्रेनिंग देता था। साथ ही फेसबुक समेत अन्य सोशल साइट्स पर कई तरह की आपत्तिजनक सामग्री भी डाली थी। इसके तार कई सरगनाओं से जुड़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है। मुजफ्फरपुर इलाके में इसकी खासतौर से तलाश चल रही है।
बैठक के लिए संगठन ने वॉट्सएप पर भेजा था वॉयस क्लिप
NIA ने प्राथमिकी में खुलासा किया है कि इरशाद पीएफआई के कई सदस्यों जिसमें तमलिनाडू के मो. रोसलेन, दरभंगा के मो. सनाउल्लाह, मधुबनी के तौसीफ के संपर्क में आया। बेलाल का बरूराज का कादिर अंसारी संबंधी है। केंद्र सरकार द्वारा PFI पर प्रतिबंध लगाने के बाद रियाज मारूफ ने वॉट्सएप पर एक वॉयस क्लिप बेलाल काे भेजा। वॉट्सएप के माध्यम से ही सुल्तान और अफरोज को बैठक की जानकारी दी गई। तब जाकर परसौनी गांव में गुप्त बैठक हुई।
चकिया व दरभंगा में रैली निकालने का भी खुलासा
PFI मामले में NIA के साथ अब मुजफ्फरपुर पुलिस भी जांच करेगी। जांच की जिम्मेदारी डीएसपी पश्चिमी अभिषेक आनंद काे दी गई है। दाे दिन पूर्व NIA ने चकिया थाना स्थित हरपुर में छापेमारी कर बेलाल उर्फ इरशाद काे गिरफ्तार किया। इरशाद ने ही पूछताछ में NIA के सामने खुलासा किया कि चार-पांच साल पहले वह रियाज मारूफ उर्फ बबलू के संपर्क में आया। बबलू चकिया का रहने वाला है। बबलू पीएफआई का सक्रिय सदस्य था। बाद में रियाज मारूफ के जरिए याकूब खान उर्फ सुल्तान उर्फ उस्मान अयूब खान के संपर्क में आया। अयूब मेहसी के मोगलपुर का रहने वाला है। उसी से प्रभावित होकर वह 2020 में पीएफआई में शामिल हो गया। NIA ने प्राथमिकी में उत्तर बिहार में PFI के लिंक का खुलासा करते हुए बताया है कि चकिया व दरभंगा में रैली भी पहले हाे चुकी है। माेतिहारी के गांधी मैदान में पीएफअाई का शारीरिक प्रशिक्षण भी आयाेजित किया गया।
नए लड़कों को ट्रेनिंग उस्मान दिया करता था
बता दे में पीएफआई में जुड़े नए लड़कों को ट्रेनिंग देने सुलतान उस्मान खा जाता था। इस दौरान उस क्षेत्र में पहले रैली करता था। रैली के माध्यम से युवाओं को अपने साथ पहले जोड़ता था। फिर उसे अपने संगठन में जोड़ कर उसे ट्रेनिंग देकर ट्रेन करता था। सुलतान का कुछ दिन पहले एक ट्रेनिंग देते हुए वीडियो भी सामने आया था। इसके बाद से NIA की टीम लगातार मोतिहारी में PFI के विरुद्ध कार्रवाई कर रही है।
स्रोत: दैनिक भास्कर