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तटबंदी के निकट उत्खनन
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संबंधितों पर कार्यवाई न करने से अनिश्चितकालीन अनशन करने की शिवप्रेमियों की चेतावनी
वेंगुर्ला (सिंधुदुर्ग) – इतिहास की साक्ष देनेवाला, ‘युनेस्को’ की सूची में समावेश, इसके साथ ही ‘राज्य संरक्षित स्मारक’ तालुका के रेडी में यशवंतगढ को अनधिकृत निर्माणकार्य के कारण धोका निर्माण हो गया है । छत्रपति शिवाजी महाराज एवं छत्रपति संभाजी महाराज के पदस्पर्श से पावन हुए इस गढ की तलहटी पर तटबंदी के निकट उत्खनन कर, इसके साथ ही समुद्र के अत्यंत निकट ‘सी.आर्.जेड्.’ कानून का उल्लंघन करते हुए आर्.सी.सी. निर्माणकार्य किया जा रहा है । इससे शिवप्रेमियों में रोष की लहर फैल गई और उन्होंने चेतावनी दी है कि उसे तुरंत हटाया जाए । इसके साथ ही इस प्रकरण की पूछताछ कर संबंधितों पर कानूनन कार्रवाई की जाए अन्यथा २० फरवरी से अनिश्चितकालीन अनशन किया जाएगा ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, निर्माणकार्य गिराने के लिए संंबधितों को नोटिस भेजी गई है; परंतु ऐसी नोटिस देकर निर्माणकार्य गिराने से तो अवैध निर्माणकार्य के प्रमाण भी नष्ट हो जाएंगे । शिवप्रेमियों का कहना है कि इस प्रकरण के कारण संबंधित विभाग को अडचन आई है इसलिए उन सभी पर कानूनी कार्यवाई होनी चाहिए ।
गढ एवं समुद्रीकिनारे के निकट निर्माणकार्य होते समय संबंधित विभाग चुप क्यों ? – राजन रेडकर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, भारतीय भ्रष्टाचार निवारण संस्था, कोकण विभाग
इस संदर्भ में शिवप्रेमी तथा भारतीय भ्रष्टाचार निवारण संस्था के कोकण विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजन रेडकर ने ‘गढ एवं समुद्रकिनारा के निकट निर्माणकार्य होते समय संबंधित विभाग चुप क्यों ?’, ऐसा प्रश्न उपस्थित किया है । वे आगे बोले,
१. यशवंतगढ की तटबंदी के निकट गढ की तलहटी पर समुद्रतट से सटकर गत ३ से ४ वर्षों से पहाडी के बडे भाग में उत्खनन का निर्माणकार्य किया जा रहा है । इस निर्माणकार्य के कारण पर्यावरण, सी.आर्.जेड्. एवं पुरातत्व विभाग के कानूनों का उल्लंघन हुआ है ।
२. इस निर्माणकार्य के लिए मालिक, ठेकेदार, निर्माणकार्य व्यावसायिक, उसके लिए अनुमति देनेवाले सरपंच, ग्रामविकास अधिकारी, महसूल विभाग के शिरोडा मंडल अधिकारी, रेडी के तलाठी, कोतवाल भी उत्तरदायी हैं ।
३. निर्माणकार्य के प्रमाणों सहित मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, सिंधुदुर्ग के जिलाधिकारी एवं संबंधित विभाग को २३ जनवरी २०२३ को परिवाद प्रविष्ट किया है । परिवाद के उपरांत २ फरवरी २०२३ को संबंधित व्यक्ति को अनधिकृत निर्माणकार्य संबंधी नोटिस देकर अकृषिक अनुमति की प्रत एवं अन्य संबंधित खातों की अनुमति लेने की प्रत प्रस्तुत करने तक निर्माणकार्य रोक दिया गया है ।
४. इस प्रकरण में आर्थिक हितसंबंध संजोते हुए संगठितरूप से किए गए अपराधी कृत्य से संबंधित लोगों पर जबतक कानूनी कार्यवाही नहीं होती, तब तक यशवंतगढ की तलहटी पर २० फरवरी से शिवप्रेमी ‘अनिश्चितकालीन आमरण अनशन’ करनेवाले हैं ।
वर्ष ६१० में चालुक्य राजा की थी यशवंतगढ की निर्मिति !
इसवी वर्ष ६१० से ६११ के कालखंड में चालुक्य राजाने रेडी में यशवंतगढ की निर्मिति की थी । तदुपरांत के काल में यह गढ छत्रपति शिवाजी महाराजजी ने अपने नियंत्रण में लिया था । अनेक देशी-विदेशी पर्यटक इस गढ को देखने आते हैं । इस गढ पर शिवजयंती उत्सव बडे धूमधाम से मनाया जाता है । शिवप्रेमियों द्वारा इस गढ की स्वच्छता भी की जाती है; मात्र वर्तमान में गढ के परिसर में अनधिकृत निर्माणकार्य के कारण गढ की तटबंदी गिरने का संकट निर्माण हो गया है । एक ओर गढ-दुर्ग पर अवैध निर्माणकार्य हटाने का प्रयत्न शासन कर रहा है तो दूसरी ओर यशवंतगढ के निकट कुछ नियम तोडकर निर्माणकार्य हो रहा है ।