कनाडा में एक साल में ऐसी चौथी घटना
कनाडा के मिसिसॉगा क्षेत्र में स्थित भगवान राम के मंदिर पर भारतविरोधी तत्वों ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बातें लिख दीं। मामला सामने आने के बाद भारत सरकार एक्शन में आ गई है और अपने दूतावास से रिपोर्ट मांगी है। नारे लिखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
जानकारी के अनुसार, मंदिर की दीवारों पर लिखा गया, ‘मोदी को आतंकवादी घोषित करो’। साथ ही दीवार पर ‘हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ के नारे भी लिखे गए। एक स्थान पर बीबीसी भी लिखा गया है। यानी ये लोग भारत में बीबीसी के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के खिलाफ हैं।
Another Hindu temple attacked in Canada by the K-Army; India raises the issue and gets assurance by Brampton Mayor
Brampton Mayor said "this type of hate has no place in this peel region"
Watch #TheNationAt5 with @poonam_burde#AntiHindu #AntiIndia #Khalistan #Canada #Brampton pic.twitter.com/DHqhbTjHGh
— News18 (@CNNnews18) February 15, 2023
सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें
राम मंदिर की दीवार पर लिखे नारों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं। ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने भरोसा दिलाया है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि, कनाडा में लगातार हिंदू धर्म को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इसी साल जनवरी में ब्रैम्पटन में एक मंदिर पर भारत विरोधी पेंटिंग बना दी गई थी। इसके बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा था।
लोग इसे खालिस्तान समर्थकों की करतूत बता रहे हैं। इससे पहले ब्रिटेन में भी विभिन्न स्थानों पर ऐसा ही किया गया।
एक्शन में भारत सरकार
We strongly condemn the defacing of Ram Mandir in Missisauga with anti-India graffiti. We have requested Canadian authorities to investigate the incident and take prompt action on perpetrators.
— IndiainToronto (@IndiainToronto) February 14, 2023
मामले के सामने आने के बाद टोरंटो स्थित भारतीय दूतावास ने निंदा की है। साथ ही दूतावास ने कनाडा के अधिकारियों से घटना की जांच करके शरारती तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
दूतावास ने ट्विटर पर लिखा है, मिसिसॉगा में राम मदिंर का अपमान और वहां भारत विरोधी नारे लिखे जाने की हम कड़ी निंदा करते हैं। हम दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने की मांग करते हैं।
स्रोत : नई दुनिया