मुंबई – भारतीय जनता पार्टी के नेता व पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मुंबई उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की हैं। याचिका मे पंढरपुर मंदिऱ अधिनियम 1973 को चुनौती दी गई है। याचिका में दावा किया गया है कि राज्य सरकार ने मनमाने तरीके से पंढरपुर स्थित विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर प्रशासन को अपने कब्जे में लिया है। इसलिए मंदिर प्रशासन को सरकार के कब्जे से मुक्त कराया जाए। याचिका में दावा किया गया है कि मंदिऱ अधिनियम संविधान के अनुच्छेद 14 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने मंदिर प्रशासन को अपने कब्जे में लेकर धर्म से जुड़े अधिकार का उल्लंघन किया है। यह संविधान के अनुच्छेद 25 व 26 का भी उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि पंढरपुर मंदिऱ अधिनियम राज्य सरकार को मंदिर प्रशासन को स्थायी रुप से अपने कब्जे में लेने व वहां की धर्मिक व गैर धार्मिक गतिविधियों को नियंत्रित करने की इजाजत देता है।
Maharashtra News: पंढरपुर के विट्ठल मंदिर को सरकार से मुक्त कराया जाएगा? सुब्रमण्यम स्वामी का बड़ा ऐलान https://t.co/hIFzsZXYZv
— Subramanian Swamy (@Swamy39) September 12, 2022
याचिका में मांग की गई है कि, पंढरपुर मंदिऱ अधिनियम को रद्द कर दिया जाए। क्योंकि यह व्यापक रुप से हिंदु समुदाय के लोगों व याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। याचिका में अंतरिम राहत के रुप में इस मामले को देखने के लिए एक कमेटी गठित करने का निर्देश देने की मांग की गई है। इस कमेटी में मंदिर के पुजारियों के प्रतिनिधि व वारकरी संप्रदाय के लोगों को शामिल करने का भी आग्रह किया गया है।
स्रोत : हिन्दी भास्कर