सीरिया में बीते शुक्रवार को होम्स में घातक हमला हुआ था जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई है। राज्य मीडिया ने इस हमले के लिए जिहादी आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट को जिम्मेदार ठहराया गया है। हालांकि इस संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। स्टेट टीवी ने बताया होम्स के पूर्व रेगिस्तान में अल-सोखना शहर के साउथ-वेस्ट में ISIS के आतंकवादियों के हमले में 53 लोगों की मौत हो गई है।
At least 53 people were killed Friday in the central Syrian province of Homs in an attack by the so-called "Islamic State" (IS), state media said.https://t.co/XuJhcmBfAQ
— DW News (@dwnews) February 18, 2023
घातक हमले में 46 नागरिक और 7 सैनिक की मौत
पालमायरा अस्पताल के निदेशक वालिद ऑडी ने कहा कि मारे गए लोगों में 46 नागरिक और सात सैनिक थे। वालिद ऑडी ने बताया कि दर्जनो लोगों को निशाना बनाकर किए गए हमले के बाद शवों को पल्मायारा अस्पताल लाया गया था। सभी के सिरों में गोली के घाव थे। ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने भी शुक्रवार को हमले की सूचना दी थी।
राज्य के मीडिया ने कहा कि जब उन पर हमला किया गया तो पीड़ित रेगिस्तानी ट्रफ़ल्स इकट्ठा कर रहे थे। होम्स प्रांत पर सीरियाई सरकार और उसके सहयोगियों का नियंत्रण है। पांच घायलों को दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया गया। जीवित बचे लोगों में से एक ने सना को बताया कि आईएसआईएस ने उनकी कारों को जला दिया था। लेकिन संगठन ने हमले के लिए जिम्मेदारी का तत्काल दावा नहीं किया गया था।
आईएसआईएस ने अमेरिका समर्थित लड़ाकों, रूस समर्थित सरकारी बलों, क्षेत्रीय उग्रवादियों और तुर्की के विद्रोहियों द्वारा अलग-अलग आक्रमणों में भूमि पर अपनी पकड़ खोते हुए एक बार फिर सीरिया के विशाल क्षेत्र को नियंत्रित कर लिया था। इसके बाद से ही ISIS के अधिकांश आतंकी रेगिस्तान में छिप गए थे। तब से उन्होंने पड़ोसी इराक में बढ़ते हमलों को जारी रखते हुए कुर्द नेतृत्व वाली सेना और सीरियाई सरकारी सैनिकों पर घात लगाने के लिए ऐसे ठिकानों का इस्तेमाल किया है।
हिट-एंड-रन हमले करने के लिए स्लीपर सेल का उपयोग करता है संगठन
संगठन सीरिया में हिट-एंड-रन हमले करने के लिए स्लीपर सेल का उपयोग करता है। तो वहीं सीरियाई सरकारी सैनिक पूरे देश में फैले हुए हैं। साथ ही वह अपने क्षेत्र पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए लेबनानी सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह और ईरान सहित अपने सहयोगियों पर बहुत अधिक भरोसा करते हैं।
स्रोत : जागरण