ज्येष्ठ कृष्ण ६, कलियुग वर्ष ५११५
राष्ट्र एवं धर्मके लिए कार्यरत हिंदू जनजागृति समितिके ‘फेसबुक’ के पृष्ठपर प्रतिबंध लगाया जाता है; परंतु हिंदुओंकी धार्मिक भावनाओंको आहत करनेवाले ‘फेसबुक’ के हिंदूद्रोही पृष्ठोंपर प्रतिबंध नहीं लगाया जाता !
लक्ष्मणपुरी (लखनऊ) : गोहत्याका विषय आग्रहपूर्वक प्रस्तुत कर गोहत्याका उदात्तीकरण करनेके विषयमें ‘फेसबुक’ सामाजिक जालस्थलके विरोधमें परिवाद प्रविष्ट किया गया है । अमिताभ ठाकुर नामक वरिष्ठ पुलिस अधिकारीने सूचना तंत्रज्ञान अधिनियम, २००० के अनुसार गोमतीनगर पुलिस थानेमें फेसबुकके विरोधमें परिवाद प्रविष्ट किया है । परिवादमें कहा गया है कि ‘आवो मिलकर काटें गाय’ नामक फेसबुक गुटने गोहत्याके लिए आग्रहपूर्वक विनती की है तथा गोहत्याका उदात्तीकरण किया है । ( सूचना तंत्रज्ञानका अनुचित लाभ उठाकर हिंदुओंकी धार्मिक भावनाओंको आहत करनेवाले `फेसबुक’ पर कठोर कार्यवाही करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
परिवादके अनुसार इस लेखमें हिंदुओके विरोधमें अश्लील शब्दोंका उपयोग किया गया है तथा अपशब्द कहे गए हैं । लोगोंको दंगेके लिए उकसानेका प्रयास किया गया है तथा हिंदुओंकी धार्मिक भावनाओंका अनादर करनेका प्रयास किया गया है ।
श्री. ठाकुरने कहा कि इससे पूर्व भी ऐसे ४ परिवाद प्रविष्ट किए गए हैं, जिनपर कोई कार्यवाही नहीं की गई है । ( हिंदुओंकी धार्मिक भावनाओंको आहत करनेवाले लेखके विषयमें परिवाद करनेके पश्चात भी उसकी प्रविष्टि कर उसपर कार्यवाही न करनेवाली पुलिस हिंदूद्रोही ही है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात