राजस्थान में एक बार फिर से मंदिरों की असुरक्षितता सामने आई है। इस बार अज्ञात लोगों ने राजसमंद में एक हनुमान मंदिर में लगी प्रतिमा को खंडित कर दिया। इतना ही नहीं हनुमान प्रतिमा पर बैठे भगवान राम और लक्ष्मण की मूर्ति को भी नुकसान पहुंचाया। इधर, स्थानीय लोगों को जानकारी मिलने के बाद मामला बढ़ गया।
सूचना मिलने पर राजसमंद एएसपी और थाना कांकरोली थाना अधिकारी मौके पर पहुंचे। मामला कांकरोली थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 28 के कोयड़ क्षेत्र का है। यहां सुबह करीब 7 बजे बाद खंडित प्रतिमा को देख लोग आक्रोशित हो गए। वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष मान सिंह बारहठ भी मौके पर पहुंचे और आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे।
ये था मामला
एएसपी शिवलाल बैरवा ने बताया कि ये मंदिर करीब 30 साल प्राचीन है। इस मंदिर की देखभाल कोयड़ निवासी रमेश भील (35) करता है। एएसपी ने बताया कि रमेश भील से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि वे मंगलवार रात करीब 9 बजे बाद यहां अगरबत्ती लगाने गए थे।
सुबह करीब साढ़े 6 बजे बाद जब वे दोबारा मंदिर आए तो प्रतिमा सही थी। एएसपी ने बताया कि सुबह करीब साढ़े 7 बजे वार्ड की महिलाओं ने यहां कुछ आवाज सुनी। इस पर जब वे वहां पहुंची तो मंदिर से एक व्यक्ति मुंह ढक कर निकल रहा था। इसके बाद मंदिर में जाकर देखा तो भगवान हनुमान समेत राम और लक्ष्मण की प्रतिमा खंडित हो रखी थी।
इधर, वार्डवासियों को जैसे ही इसकी सूचना मिली मौके पर भीड़ जमा हो गई। प्रतिमा को देख स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए। हनुमान जी की प्रतिमा के पांव और पूंछ पूरी तरह से क्षतिग्रस्त थे। जबकि राम-लक्ष्मण के मुंह वाला हिस्सा भी टूट रखा था। वहीं रमेश की रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांंच शुरू कर दी है।
100 लोगों की आबादी के बीच बना है ये मंदिर
दरअसल, जहां ये मंदिर है वहां करीब 100 लोगों के घरों की आबादी है। यह वार्ड का प्रमुख आस्था का केंद्र था। इस मूर्ति को गांव के श्रमिक सुन्दर लाल भील ने बनाया था। सुदंरलाल को पेंटिंग का भी शौक है। इसलिए प्रतिमा बनाने के बाद पेंटिंग भी सुंदर लाल ने की थी।
इधर, लोगों को शांत कर पुलिस ने समझाइश कि- जल्द ही दूसरी प्रतिमा लगाई जाएगी। वहीं वही राजसमंद भाजपा जिला अध्यक्ष मान सिंह बारहठ बोले कि हनुमान जी की मूर्ति को तोडना धर्म ओर आस्था पर गहरा आघात है। पुलिस जल्द से जल्द दोषियों को पकड़े ओर उसे सजा दे।
स्रोत: दैनिक भास्कर