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केएमसी विश्वविद्यालय में छात्रों को छ. शिवाजी महाराज जयंती मनाने से रोका, वार्डन ने हॉस्टल से फोटो हटवाई

उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती को लेकर विवाद हो गया है। कैंपस परिसर में स्थित हॉस्टल के वार्डन ने छात्रों को छ. शिवाजी महाराज जयंती मनाने से रोक दिया। छात्रों का आरोप है कि हॉस्टल परिसर से उनकी फोटो जबरन हटवाई गई। वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि छात्रों ने जयंती मनाने को लेकर कोई अनुमति नहीं ली थी।

छात्रों ने मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के प्रशासन पर आरोप लगाया है कि, उन्होंने जयंती मनाने को लेकर नोटिस देने की चेतावनी दी है। छात्रों ने हॉस्टल के वार्डन डॉक्टर आजम अंसारी के रवैये पर नाराजगी जताई है। छात्रों ने कहा कि हॉस्टल परिसर में छ. शिवाजी महाराज की फोटो लगी थी। लेकिन, वार्डन ने हटवा दिया। वहीं, इस पूरे मामले पर पूरा मामला सुभाष छात्रावास का है।

वार्डन के रवैये से छात्रों में नाराजगी

छात्रों का कहना है कि, छ. शिवाजी महाराज की जयंती मनाना कहा गलत है? बेवजह विश्वविद्यालय प्रशासन अड़ा हुआ था। छत्रपति शिवाजी महाराज ने मुगलों के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी। उनका पूरा जीवन देश के लिए लड़ते-लड़ते गुजरा। छत्रपति शिवाजी महाराज आज देश के हर युवा के लिए आदर्श हैं। वहीं, जिस समय वार्डन जयंती मनाने से रोक रहा था कि कुछ छात्रों ने इसका वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो में वार्डन कहता हुआ दिखाई दे रहा है कि बिना अनुमति के जयंती नहीं मना सकते हैं। वहीं, छात्रों का कहना था कि अनुमति कहां मिलती है।

विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर ने मामले को शांत कराया

विवाद बढ़ता देख विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर नीरज शुक्ला तत्काल मौके पर पहुंचे। उन्होंने छात्रों से बात की। फिर हॉस्टल के कमरे के अंदर जयंती मनाने की अनुमति दी। इसके बाद सभी छात्रों ने मिलकर छ. शिवाजी महाराज की जयंती मनाई। वार्डन का जयंती मनाने से रोका जाना बिल्कुल शर्मनाक है। उन्हें छ. शिवाजी महाराज की महत्ता के बारे में समझ होनी चाहिए। आज के समय में छ. शिवाजी महाराज के विचार युवाओं को सकारात्मक दिशा में मार्गदर्शन दे सकते हैं।

स्रोत: tv9

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