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श्री काशी विश्वनाथ की मंगल आरती के शुल्क में वृद्धि, श्रद्धालुओं को अब देने होंगे ५०० रुपये !

  • ‘भगवान धन का नहीं, अपितु भाव का भूखा है’, यह व्यवस्थापन मंडल को कौन बताएगा ?
  • मंदिर सरकारीकरण के दुष्परिणाम ! इससे ‘सरकारी विश्वस्तों की केवल मंदिर के पैसों पर ही नहीं, अपितु श्रद्धालुओं के पैसों पर भी दृष्टि गढी होती है’, ऐसा किसी को लगे तो इसमें गलत क्या है ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति

वाराणसी (उत्त रप्रदेश) – बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक श्री काशी विश्वनाथ की मंगल आरती के शुल्क में वृद्धि करने का निर्णय २२ फरवरी को हुए ‘श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट’की १०४ वीं बैठक में लिया गया । इस बैठक के लिए मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रा. नागेंद्र पांडे, मंडल आयुक्त कौशल राज शर्मा, सरकारी अधिकारी राजलिंगम् उपस्थित थे ।

सवेरे ३ से ४ बजे होनेवाली इस मंगल आरती के लिए अब श्रद्धालुओं को ५०० रुपये शुल्क भरना होगा । पहले यह शुल्क ३५० रुपये था । इसके साथ ही सप्तर्षि आरती, शृंगार प्रसाद आरती एवं मध्यान्ह प्रसाद आरती के शुल्क में भी १२० रुपयों की वृद्धि की गई है । इन आरतियों के लिए अब १८० रुपयों के स्थान पर ३०० रुपये देने होंगे । यह शुल्क वृद्धि १ मार्च से लागू होनेवाली है । यह शुल्कवृद्धि ५ वर्षों में की गई है । इससे पूर्व वर्ष २०१८ में शुल्क बढाया गया था । विश्वस्त मंडल का कहना है कि मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड को देखते हुए शुल्क बढाया गया है ।

रुद्राभिषेक एवं प्रसाद के शुल्क में वृद्धि नहीं !

मंदिर के विशेष कार्यकारी अधिकारी सुनीलकुमार वर्मा नेे कहा कि केवल आरतियों के शुल्क में वृद्धि की गई है । रुद्राभिषेक ए‌वं प्रसाद के शुल्क में कोई वृद्धि नहीं की है । मंदिर में इस बार अर्थात वर्ष २०२२-२३ में १०५ करोड रुपयों का दान मिला । इस बार का संभाव्य व्यय (खर्च) ४० करोड रुपये है ।

स्रोत : भास्कर

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