पांच दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने के बाद, काकतीय मेडिकल कॉलेज, वारंगल की पीजी प्रथम वर्ष की छात्रा डॉ प्रीति ने रविवार शाम हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (NIMS) में दम तोड दिया।
निम्स, हैदराबाद के चिकित्सा अधीक्षक द्वारा जारी एक बुलेटिन में कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा लगातार प्रयासों के बावजूद, डॉ प्रीति को बचाया नहीं जा सका और 26 फरवरी को रात 9.10 बजे उसने अंतिम सांस ली। उसके नश्वर अवशेषों को आज सुबह उनके आवास पर लाया गया। उसका अंतिम संस्कार जनगांव में किया गया।
Telangana | Last rites of the Warangal medical student who passed away yesterday was performed in Jangaon. pic.twitter.com/hJzX7HhRPj
— ANI (@ANI) February 27, 2023
डॉ सैफ मोहम्मद पर एससी/एसटी और एंटी-रैगिंग की धाराएं
इससे पहले वारंगल के पुलिस आयुक्त एवी रंगनाथ ने बताया कि डॉ प्रीति 22 फरवरी की तड़के एमजीएम अस्पताल के स्टाफ रूम में बेहोशी की हालत में मिली थी, जहां वह ड्यूटी पर थी। प्रथम वर्ष की मेडिकल छात्रा एवं जूनियर डॉक्टर को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में पुलिस ने एमजेएम अस्पताल के द्वितीय वर्ष के मेडिकल छात्र डॉ सैफ मोहम्मद को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हमने एससी/एसटी अधिनियम और एंटी-रैगिंग अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। सोशल मीडिया और दोनों के बीच निजी बातचीत से पता चलता है कि यह रैगिंग का मामला है। टॉक्सिकोलॉजी और अन्य मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच जारी रहेगी।
पिता ने की न्यायिक जांच की मांग
26 वर्षीय डॉ प्रीति के पिता नरेंद्र धारावत ने मामले में उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश द्वारा जांच की मांग की है और मौत के लिए प्रीति के सीनियर्स पर आरोप लगाया है। प्रीति के पिता नरेंद्र, दक्षिण मध्य रेलवे के रेलवे सुरक्षा बल में एएसआई, ने कहा कि प्रीति ने 20 फरवरी को उन्हें फोन किया था और डॉ. सैफ मोहम्मद द्वारा कथित उत्पीड़न को लेकर बात की थी।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह डॉ सैफ की हरकतें थीं, जिसके कारण मेरी बेटी की मौत हुई। उसने उसकी हत्या कर दी। उसे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। मैं वारंगल पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं हूं। हम उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से जांच की मांग करते हैं।
छात्र संगठनों में नाराजगी, विरोध प्रदर्शन
कामिनेनी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस पूरी करने वाली प्रीति ने केएमसी में पीजी सीट हासिल की और पिछले साल 20 नवंबर, 2022 को ड्यूटी पर शामिल हुईं। उसकी मौत की खबर के बाद से तनाव की स्थिति बनी हुई है। मौत की खबर जारी करने से पहले ही, हैदराबाद पुलिस ने गुस्साए छात्र संगठनों के सदस्यों को अस्पताल में घुसने से रोकने के लिए इलाके के चारों ओर भारी बल तैनात कर दिया था।
कई छात्र संगठनों ने डॉ प्रीति के लिए न्याय की मांग को लेकर निम्स के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। छात्र संगठनों के सदस्यों ने उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए गांधी अस्पताल ले जाने वाली एंबुलेंस को भी रोकने की कोशिश की। बाद में, पुलिस सुरक्षा में उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए परिवार के पैतृक स्थान जनगांव जिले में ले जाया गया।
स्रोत : अमर उजाला