हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद़्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी का नेपाल दौरा
काठमांडु (नेपाल) – शिवरात्रि का शास्त्र समझकर शिव से एकरूप होना हो, तो हमें साधना करके तमोगुण से रजोगुण की ओर, रजोगुण से सत्त्वगुण की ओर तथा अंत में त्रिगुणातीत होकर परमात्मा की प्राप्ति करनी होगी, ऐसा मार्गदर्शन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद़्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे ने किया । यहां महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में ‘शिव सेना, नेपाल’ द्वारा आयोजित किए गए रुद्र महोत्सव में वे मार्गदर्शन कर रहे थे । उपस्थितों की शंकाओं का निरसन होने से आयोजकों ने समाधान व्यक्त किया ।
‘आज की युवा पीढी देवपूजा करने के लिए तैयार नहीं रहती’, इस विषय पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए सद़्गुरु डॉ. पिंगळे बोले, कर्मकांड के आगे उपासनाकांड है । उसके अनुसार मानसपूजा, नामजप आदि के माध्यम से भी भगवान के समीप जा सकते हैं ।