(कट प्रक्टिस अर्थात वैद्यकीय व्यवसाय में किए जानेवाले गैरप्रकार)
मुंबई – वर्ष २०१७ से प्रलंबित ‘महाराष्ट्र प्रिवेन्शन ऑफ कट प्रैक्टिस’, यह कानून सुधारित स्वरूप में तुरंत लागू करें, ऐसी मांग हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से २० फरवरी को एक पत्र द्वारा की ।
इस निवेदन में अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने कहा है कि वर्ष २०२१ से इस कानून के लिए हम अनुवर्ती प्रयास कर रहे हैं । २ सितंबर २०२१ को हिन्दू विधिज्ञ परिषद द्वारा इस कानून का महत्त्व, इसके साथ ही इस प्रारूप (मसौदा) की त्रुटियों को सामने लाकर यह कानून सुधारित रूप में तुरंत लागू किया जाए, इसके लिए हमने पत्र दिया था । उसके पश्चात भी हमारा संगठन आपसे अनुवर्ती प्रयास कर रहा है । यह विषय समाजहित की दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण है । ‘कट प्रैक्टिस’के कारण अंतिमतः रोगी के, अर्थात ग्राहक की जेब पर तनाव आता है । रोगी के प्रति आत्मीयता नहीं होती । सर्वोच्च न्यायालय ने भी यह हाल ही में दिए निर्णय में भी यह भूमिका अत्यंत स्पष्टरूप से ली है । उसे ध्यान में रखते हुए आप यह कानून बनाएं । इससे महाराष्ट्र यह कानून बनानेवाला देश का प्रथम राज्य होगा ।
@CMOMaharashtra there is need to pass a law against #cutpractice in medical sector.
The proposal is pending since 2017 and we are following it up.@girishdmahajan please look into this !@amitsurg pic.twitter.com/jBA74JlPRo— Ichalkaranjikar V.S. (@ssvirendra) February 20, 2023
‘लव जिहादविरोधी’ कानून करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं !
गुजरात, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश एवं कर्नाटक राज्यों में ‘लव जिहाद’ रोकने के लिए कानून बनाया गया है । महाराष्ट्र में उसकी केवल घोषणा हुई है; परंतु कानून नहीं बना है । यह कानून लागू करने पर ‘समाजहित को प्रधानता देनेवाली सरकार’ ऐसी सरकार की पहचान निश्चितरूप से हो जाएगी । इसलिए यह कानून पारित करने की दृष्टि से आवश्यक कदम उठाए जाएं । इसके लिए कानूनी सहायता लगे तो हिन्दू विधिज्ञ परिषद की ओर से हमारे अधिवक्ता आपको निशुल्क सहायता के लिए आगे आएंगे, ऐसी निश्चति अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने पत्र द्वारा दी है ।