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हिजाब पर तत्काल सुनवाई से सर्वोच्च न्यायालय का इनकार, कहा – ’होली के बाद होगा पीठ का गठन’

हिजाब में परीक्षा नहीं देने देगी कर्नाटक सरकार

स‍र्वोच्च न्यायालय ने कर्नाटक की प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में हिजाब पहनकर वार्षिक परीक्षा देने की अनुमति देने की माँग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। स‍र्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार (3 मार्च 2023) को कहा कि वह इस मामले पर होली के बाद सुनवाई करेगा।

शरीयत समिति की ओर से पेश वकील शादान फरासत ने स‍र्वोच्च न्यायालय से इस मामले को जल्द लिस्टिंग कर सुनवाई की माँग की थी। वकील का कहना था कि छात्राओं की वार्षिक परीक्षाएँ 9 मार्च 2023 से शुरू हो रही हैं। इसके बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले को होली की छुट्टी से पहले अंतिम कार्यदिवस को नहीं लाना चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि वह इस मामले की तत्कालिकता को समझते हैं, लेकिन वे इस मामले को होली के बाद सूचीबद्ध कर सुनवाई के लिए पीठ गठित करेंगे। बता दें कि होली 8 मार्च 2023 को है और शुक्रवार (3 मार्च 2023) को अंतिम कार्यदिवस था। इसके बाद कोर्ट की छुट्टियाँ हैं और कोर्ट 13 मार्च को फिर से खुलेगा।

सके पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने कर्नाटक सरकार एवं शिक्षण संस्थानों द्वारा स्कूल-कॉलेजों में यूनीफॉर्म को जरूरी बताते हुए हिजाब पर लगाई गई रोक को सही ठहराया था। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को राहत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने स‍र्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। इसके बाद पिछले साल अक्टूबर में स‍र्वोच्च न्यायालय की पीठ ने खंडित फैसला सुनाया था।

स‍र्वोच्च न्यायालय के खंडित फैसले के बाद कर्नाटक के स्कूलों में लड़कियों को हिजाब में परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी गई है। यह परीक्षा 9 मार्च 2023 से शुरू होने वाली है। 15 मार्च 2022 को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उडुपी में गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज के मुस्लिम छात्राओं के कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति माँगने वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि हिजाब इस्लामिक विश्वास का अहम हिस्सा नहीं है।

स्रोत : ऑप इंडिया

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