कहा – गोवंश को संरक्षित राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए
उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार (3 मार्च 2023) को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि देश में गोहत्या रोकने के लिए केंद्र सरकार को प्रभावी कदम उठाना चाहिए। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने गाय को संरक्षित राष्ट्रीय पशु घोषित करने की जरूरत बताई।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शमीम अहमद की एकल पीठ ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि गाय की महिमा वैदिक काल से चली आ रही है। इसके साथ ही न्यायमूर्ति शमीम ने बाराबंकी के देवा थाना क्षेत्र के मोहम्मद अब्दुल खलीक की याचिका खारिज कर दी। खलीक को पुलिस ने गोवंश के मांस के साथ गिरफ्तार किया था और उसके खिलाफ यूपी गोवध निवारण कानून के तहत आरोप था।
कोर्ट ने कहा, “आशा है कि केंद्र सरकार देश में गोहत्या रोकने के लिए उचित निर्णय लेगी और इसे संरक्षित राष्ट्रीय जीव घोषित करेगी।” कोर्ट ने आगे कहा, “गाय को हिंदू धर्म में सभी जानवरों में सबसे पवित्र माना गया है। इसे कामधेनु या दिव्य गाय और सभी इच्छाओं की पूर्ति करने वाली के रूप में जाना जाता है।”
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गाय को भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा बताते हुए कहा, “हम एक धर्मनिरपेक्ष देश में रह रहे हैं और सभी धर्मों के लिए सम्मान होना चाहिए। हिंदू धर्म का यह मत है कि गाय दैवीय और प्राकृतिक भलाई की प्रतिनिधि है। इसलिए इसकी रक्षा और पूजा की जानी चाहिए।”
"The cow is the most sacred of all the animals of Hinduism. It is known as Kamadhenu, or the divine cow, and the giver of all desires" : #AllahabadHighCourt#Cow #CowSlaughter
— Live Law (@LiveLawIndia) March 3, 2023
पुराणों और महाभारत आदि ग्रंथों का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय ने कहा, “पुराण कहते हैं कि गायों के दान/उपहार से अधिक धार्मिक और कुछ भी नहीं है। भगवान राम के विवाह में भी गायों को उपहार के रूप में दिया गया था। महाभारत में भीष्म पितामह का मानना है कि गाय जीवन भर मानव को दूध प्रदान करके एक सरोगेट माँ के रूप में कार्य करती है। इसलिए वह वास्तव में दुनिया की माँ है।”
"In the #Mahabharata, #Bhishma (grandfather of the leaders of warring factions) observes that the cow acts as a surrogate mother by providing milk to human beings for a lifetime, so she is truly the mother of the world" : #AllahabadHighCourt#Cow #CowSlaughter
— Live Law (@LiveLawIndia) March 3, 2023
गाय के महत्व को बताते हुए उच्च न्यायालय ने आगे कहा, “किंवदंतियों में यह भी कहा गया है कि ब्रह्मा ने एक ही समय में पुजारियों और गायों को जीवन दिया, ताकि पुजारी धार्मिक ग्रंथों का पाठ कर सकें और गाय अनुष्ठानों के लिए प्रसाद के रूप में घी दे सकें।” कोर्ट ने कहा कि गाय के चारों पैरों को चार वेद कहा गया है।
कोर्ट ने आगे कहा, “जो कोई भी गायों को मारता है या दूसरों को मारने की अनुमति देता है, माना जाता है कि उसे तब तक नरक में सड़ता रहेगा जब तक कि उसके शरीर पर बाल हैं। इसी तरह बैल को भगवान शिव के वाहन के रूप में दर्शाया गया है। यह नर मवेशियों के सम्मान का प्रतीक है।”
"Anyone who kills cows or allows others to kill them is deemed to rot in hell as many years as there are hairs upon his body. Likewise, the bull is depicted as a vehicle of Lord Shiva: a symbol of respect for the male cattle" : #AllahabadHighCourt#Cow #CowSlaughter
— Live Law (@LiveLawIndia) March 3, 2023
उच्च न्यायालय ने कहा कि गाय को अन्य देवताओं के साथ भी जोड़ा गया है, विशेष रूप से भगवान शिव, भगवान इंद्र, भगवान कृष्ण और देवी (कई के मातृ गुणों के कारण) के साथ। कोर्ट ने कहा कि हिंदू धर्म में गाय को सबसे पवित्र जानवर माना गया है। कोर्ट ने कहा कि गोवंश का वैदिक काल से लेकर मनुस्मृति, महाभारत, रामायण में वर्णित धार्मिक महत्व के साथ ही व्यापक अर्थिक महत्व भी है। गाय से मिलने वाले पदार्थों से पंचगव्य तक बनता है।
इसके पहले सितंबर 2021 में भी इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गाय को संरक्षित राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव दिया था। उस वक्त विश्व हिंदू परिषद ने स्वागत किया था। वीएचपी (VHP) के अंतराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा था कि गाय सदियों से गाय इस देश की प्राणवायु की तरह रही है। इसलिए केंद्र और राज्य सरकारों को न्यायाधीश के सुझाव का पालन करते हुए गोहत्या पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
स्रोत : ऑप इंडिया