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कट्टर कायदे-कानून वाले इस्लामी देश सौदी अरब में भी लोग करेंगे योग

सऊदी योगा समिति की अध्यक्ष नौफ अल-मरवाई।

कट्टर इस्लामी कायदे-कानून वाले पश्चिम एशियाई देश सऊदी अरब में भी लोग योग किया करेंगे। यहां की सरकार ने अब यह फैसला तक कर लिया है कि स्‍टूडेंट्स यूनिवर्सिटी के अंदर योगा क्‍लासेस ज्‍वॉइन कर सकते हैं।

भारत के नजरिये से देखा जाए तो यह एक बड़ा बदलाव है क्‍योंकि इस्‍लामिक मुल्‍कों में योग को महत्‍व नहीं दिया जाता। कई देशों में तो योग करने वाले लोगों के लिए मुसीबत खड़ी हो चुकी है। हालांकि, सऊदी अरब में पिछले कई वर्षों से चौंकाने वाले बदलाव देखने को मिल रहे हैं। सऊदी अरब में महिलाओं को ड्राईविंग के अधिकार मिले हैं और नियमों में यह ढील भी दे दी गई है कि अब यहां सेलेब्रिटी शादी से पहले अपने पार्टनर के साथ वक्‍त बिता सकेंगे।

इस्लामिक मुल्क अपनाएगा भारतीय पद्धति

अरब न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब स्‍टूडेंट्स के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अपने विश्वविद्यालयों में योगा फैसिलिटी शुरू करने की तैयारी कर रहा है। सऊदी योगा समिति की अध्यक्ष नौफ अल-मरवाई की ओर से कहा गया है कि अगले कुछ महीनों में योग को बढ़ावा देने के लिए सऊदी अरब के प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

सऊदी के प्रमुख विश्वविद्यालयों में शुरू होगी पहल

अल-मरवाई ने ‘विश्वविद्यालयों में नए खेलों का विकास और प्रचार’ शीर्षक वाले चौथे सत्र में बताया कि उनकी समिति विश्वविद्यालयों में योग को पेश करने के लिए तैयारी कर रही है। जिसमें लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए योगाभ्यास करने के महत्व पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा, “योग अपने अभ्यासकर्ताओं को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए कई स्वास्थ्य लाभ देता है।,” उन्होंने कहा, “विजन 2030 के तहत हमारे यहां स्‍पोर्ट्स एक्टिवटीज में तेजी से बढ़ोतरी होगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग भी शामिल होगा।”

‘योगा केवल ध्यान और विश्राम नहीं है’

उन्होंने कहा कि योग केवल ध्यान और विश्राम नहीं है जैसा कि कुछ लोग मानते हैं, बल्कि इसमें “आसन, प्राणायाम, श्वास से जुड़ी कसरतें और मांसपेशियों पर नियंत्रण की गतिविधियां शामिल हैं। योग निद्रा ध्यान भी एक प्रमुख शारीरिक प्रक्रिया है।

उन्होंने कहा, “सरकारी समिति का लक्ष्य सामान्य रूप से सभी प्रकार के योग या योगासन खेलों में विशिष्ट योग चिकित्सकों की प्रतिभा की खोज करना है, उनकी प्रतिभा को निखारना है और स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों में राज्य का प्रतिनिधित्व करने और भाग लेने के लिए उनका समर्थन करना है”।

यह घोषणा हाल ही में रियाद में शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से सऊदी यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स फेडरेशन की ओर से आयोजित ‘द रोल ऑफ यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स इन सपोर्टिंग द किंगडम्स विजन इन स्पोर्ट्स’ नामक एक फोरम के दौरान की गई।

स्रोत : एबीपी न्यूज़

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