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५००० हिन्दुओं की उपस्थिति
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वायंगणी, मालवण (जिला सिंधुदुर्ग) यहां हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा में हिन्दू हुए संगठित !
मालवण (जिला सिंधुदुर्ग) – हिन्दुओं को नामशेष करने के लिए चारों ओर से ही आघात हो रहे हैं जैसे गोहत्या, लव जिहाद, धर्मपरिवर्तन आदि । इसका प्रतिकार करने के लिए हम अब भी सज्ज नहीं हुए, तो गोमाता चित्र में दिखानी होगी । बहुसंख्य हिन्दुओं के भारत में प्रतिवर्ष १५ लाख हिन्दू धर्मांतरित हो रहे हैं । यदि ऐसी ही स्थिति बनी रही, तो हम अल्पसंख्यक हो जाएंगे और तब तो हिन्दू बनकर जीना दूभर हो जाएगा । अपना अस्तित्व टिकाना हो, तो धर्म की रक्षा के लिए तैयार हों, ऐसा आवाहन सनातन की धर्मप्रचारक सद्गुरु स्वाती खाडये ने किया ।
हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ४ मार्च को सायं ५ बजे मालवण तालुका में वायंगणी के ज्ञानदीप माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा संपन्न हुई । इस अवसर पर सद्गुरु स्वाती खाडये मार्गदर्शन कर रही थीं ।
सभा के प्रारंभ में सनातन के धर्मप्रचारक सद्गुरु सत्यवान कदम, सनातन की धर्मप्रचारक सद्गुरु स्वाती खाडये, हिन्दू जनजागृति समिति के पश्चिम महाराष्ट्र, कोकण, इसके साथ ही गोवा एवं गुजरात राज्यों के समन्वयक श्री. मनोज खाडये एवं हिन्दू जनजागृति समिति के अधिवक्ता संगठक एड्. नीलेश सांगोलकर के हस्तों दीपप्रज्वलन किया गया । तदुपरांत श्री. मनोज खाडये ने छत्रपति शिवाजी महाराजजी की प्रतिमा को पुष्पहार अर्पण किया । शंखनाद एवं वेदमंत्रपठन से सभा का प्रारंभ हुआ । इस अवसर पर सभा के प्रचारकार्य में उत्स्फूर्तता से सम्मिलित धर्माभिमानियों का सत्कार किया गया । सभा की सफलता के लिए सहायता करनेवालों का आभार व्यक्त किया गया ।
हिन्दू राष्ट्र हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और उसे हम प्राप्त करके ही रहेंगे !
आज भारत देश एवं हिन्दू धर्म पर विविध आक्रमण हो रहे हैं । धर्मांतर, लव जिहाद, वक्फ बोर्ड कानून, भूमि जिहाद सहित हलाल जिहाद का संकट देश पर मंडरा रहा है । यदि हिन्दू अल्पसंख्यक हो गए, तो देश का भविष्य संकट में है । इसलिए देश में हिन्दू अल्पसंख्यक होने से पूर्व हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करने के लिए अपने पद, पक्ष, संगठन, आपसी मतभेद एक ओर रख, संगठित हों । राष्ट्र एवं धर्म द्रोहियों को सीना ठोककर कहें कि ‘हिन्दू राष्ट्र हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम उसे पाकर रहेंगे’, ऐसा आवाहन मान्यवर वक्ताओं ने वायंगणी में संपन्न सार्वजनिक (जाहिर) हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा में किया ।
संविधान द्वारा होनेवाला अन्याय क्या आपको मान्य है ? – सद्गुरु स्वाती खाडये
हिन्दू युवतियां लव जिहाद की बलि चढ जाती हैं; कारण उन्हें धर्मशिक्षा नहीं दी जाती । विद्यालयों से हिन्दुओं को धर्मशिक्षा नहीं दी जा सकती । मदरसों को शासकीय अनुदान दिया जाता है, कॉन्वेंट विद्यालयों में बाइबल सिखाई जाती है और उन्हें भी अनुदान मिलता है; परंतु वेदपाठशालाओं अथवा गुरुकुलों के लिए सरकारी अनुदान नहीं मिल सकता । संविधान द्वारा ही हो रहा यह अन्याय क्या आपको मान्य है ?
अंनिस के कार्यक्रम के लिए अनुमति देनेवाले अधिकारियों पर कार्रवाई होने हेतु प्रयत्न करेंगे ! – मनोज खाडये
- ” सिंधुदुर्ग जिले के प्राथमिक शिक्षा विभाग द्वारा अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून के अंतर्गत विद्यालयों में व्याख्यान आयोजित किए थे । इस माध्यम से हिन्दू धर्म पर कीचड उछाल कर विद्यार्थियों का मन कलुषित करने का प्रयत्न किया गया था । उसका पत्र मिलने पर हमने चेतावनी दी । तदुपरांत प्रशासन ने अनुमति रहित कर दी । जिस अधिकारी ने बिना कोई विचार किए इस कार्यक्रम को अनुमति दी, उस पर कठोर कार्रवाई की जाए, ऐसी मांग हम मुख्य कार्यकारी अधिकारी से करनेवाले हैं ।
- ‘‘सिंधुदुर्ग जिले में श्री समर्थ संप्रदायों की भारी मात्रा में बैठकें होती हैं । इन संप्रदायों के प्रमुख पू. आप्पासाहेब धर्माधिकारी को वर्ष २०२२ का महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार देकर सम्मानित करने का निर्णय लिया गया । ब्रिगेडी संगठन ने उसका विरोध कर, यह सम्मान रहित करने की मांग की । भक्त के रूप में हमें संतों के अनादर पर प्रश्न करना चाहिए ।
कोकण के मंदिरों की भूमि की रक्षा करने का दायित्व हिन्दुओं को लेना चाहिए ! – अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर
आज देश में अल्पसंख्यक संगठित होने से उनके संगठन के प्रभाव के कारण राजकीय शक्ति भी अन्यायग्रस्त हिन्दुओं की एक नहीं सुनती । इसलिए हिन्दुओं को न्याय िदलवाने के लिए हिन्दू राष्ट्र स्थापित करना है । आज की आधुनिकतावादी टोली इससे पहले के युग में नहीं थी, अन्यथा उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराजजी द्वारा अफजलखान की हत्या के निषेधार्थ मोर्चे, पुरस्कार वापसी इत्यादि की होती । हिन्दुओं के त्योहारों के समय ध्वनिप्रदूषण का कानून दिखाया जाता है; परंतु प्रतिदिन मस्जिदों से होनेवाले ध्वनिप्रदूषण की अनदेखी की जाती है । ऐसी पक्षपाती व्यवस्था, धर्मनिरपेक्ष राज्य की ही देन है ।
हिन्दुओं के मंदिरों का सरकारीकरण किया जाता है । सरकारीकरण हुए मंदिरों में भ्रष्टाचार हो रहा है; परंतु चर्च अथवा मस्जिदों का सरकारीकरण नहीं किया जाता, यह ध्यान रखें । श्री महालक्ष्मीदेवी की मूर्ति पर वज्रलेप एवं रासायनिक प्रक्रिया की गई है । देवी की मूर्ति अत्यंत भुरभरी (नाजुक) स्थिति में है । ऐसी स्थिति होने से अब मंदिर भक्तों को अपने नियंत्रण में लेना चाहिए । कोकण के मंदिरों की सैकडों एकड भूमि की रक्षा करने का दायित्व हमें लेना चाहिए ।
सभा के विरोध में पुलिस को ‘ई-मेल’ !सभा को होनेवाले विरोध के विषय में अधिवक्ता सांगोलकर बोले, ‘‘आचरा पुलिस को किसी ने ‘ई-मेल’ भेजा कि इस सभा के कारण धार्मिक तनाव निर्माण होगा ! गत १४ वर्षाें में ऐसा कभी भी नहीं हुआ है । इस व्यासपीठ से हिन्दू धर्म पर हो रहे आघातों की वास्तविकता प्रस्तुत की जाती है ।’’ |
वायंगणी, मालवण (जिला सिंधुदुर्ग) में हुई हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा की क्षणिकाएं
१. वायंगणी में वेदमूर्ति मुरवणे गुरुजी की ‘गुरुकुल वेदपाठशाला’के ब्रह्मवृंदों ने वेदमंत्रपठन किया । सभा में उनका सत्कार किया गया । इस वेदपाठशाला के १५ विद्यार्थी सभा के लिए उपस्थित थे ।
२. हडी गांव के ‘बोलेरो पिकअप’के चालक ने वाहन पर भगवा ध्वज बांधकर और ध्वनिवर्धक लगाकर गांव के लोगों को सभा में उपस्थित रहने के लिए उद्युक्त किया । कुछ धर्मप्रेमियों को वे अपने वाहन से सभास्थल पर लाए ।
संतों का सम्मान और मान्यवरों का सत्कार
१. सनातन के धर्मप्रचारक सद्गुरु सत्यवान कदम का सम्मान व्यापारी संगठन के अध्यक्ष धर्मप्रेमी श्री. वामन आचरेकर ने किया । सनातन की धर्मप्रचारक सद्गुरु स्वाती खाडये का सम्मान वायंगणी ग्रामपंचायत की उपसरपंच एड्. समृद्धि आसोलकर ने किया ।
२. हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. मनोज खाडये का सम्मान आचरा के व्यावसायिक श्री. अशोक पवार ने किया । अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर का सत्कार आचरा के श्री. मंदार सरजोशी ने किया ।
धर्मप्रेमियों का सत्कार
१. सभा सफल होने के लिए और सभा के व्यापक धर्मप्रसार हेतु प्रयत्न करनेवाले धर्माभिमानी सर्वश्री मंदार सरजोशी, प्रफुल्ल नलावडे, सिद्धार्थ कोलगे, विवेक परब, समीर बावकर, गणेश आचरेकर, नित्यानंद परब, मंदार सांबारी, अविनाश परब, विद्यानंद परब, रोहित भिरवंडेकर, चंदू कदम, गणेश गोगटे, रवि बागवे, अविराज परब, रूपेश बागवे के साथ ही धर्मप्रेमी श्री. सीताराम उपाख्य भाऊ चोडणेकर का सत्कार श्री. मनोज खाडये के हस्तों किया गया ।
२. ज्ञानदीप संस्था वायंगणी (तालुका मालवण) संचालित ‘ज्ञानदीप माध्यमिक विद्यालय’ एवं ‘श्री स्वामी समर्थ मठ, वायंगणी’ के अध्यक्ष श्री. सदानंद राणे का सत्कार श्री. मनोज खाडये के हस्तों किया गया ।
३. धर्मप्रेमी श्रीमती दुर्गा पडवळ एवं श्रीमती दक्षता सुर्वे का सत्कार सद्गुरु स्वाती खाडये के हस्तों हुआ ।