राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने 16 मार्च 2023 को प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। यह आरोप पत्र निजामाबाद मामले में PFI के 5 आरोपियों को नामजद किया गया है। एजेंसी ने हैदराबाद में एक विशेष एनआईए अदालत में आरोप पत्र दायर किया।
NIA ने अपनी चार्जशीट में जिन पाँच अभ्युक्तों को आरोपित किया है, उनके नाम हैं- शेख रहीम उर्फ अब्दुल रहीम, शेख वाहिद अली उर्फ अब्दुल वहीद अली, जफरुल्ला खान पठान, शेख रियाज अहमद और अब्दुल वारिस। उन्हें IPC की धारा 120B, 153A और UAPA अधिनियम, 1967 की धारा 13(1)(B), 18, 18A और 18B के तहत चार्जशीट किया गया है।
The five accused named in the charge-sheet are Shaik Raheem alias Abdul Raheem, Shaik Vahaid Ali alias Abdul Wahed Ali, Jafrulla Khan Pathan, Shaik Riyaz Ahmed and Abdul Waris. They have been charge-sheeted under sections 120B, 153A of IPC and Sections 13(1)(b), 18, 18 A and 18 B… https://t.co/0pMxwXs3lS
— ANI (@ANI) March 17, 2023
इससे पहले 30 दिसंबर 2022 को एनआईए ने 11 आरोपितों के खिलाफ पहला आरोप पत्र दाखिल किया था। NIA ने यह मामला अगस्त 2022 में तेलंगाना पुलिस से अपने हाथ में लिया था। तेलंगाना पुलिस ने इस मामले में 4 जुलाई 2022 को मामला दर्ज किया था।
चार्जशीट में कहा गया है कि ये अभियुक्त कुख्यात PFI के प्रशिक्षित कैडर शामिल हैं। ये प्रभावशाली मुस्लिम युवाओं को भड़काने और कट्टरपंथी बनाने का काम करते थे। इसके बाद उन्हें पीएफआई में भर्ती कराते थे। इसके अलावा, भर्ती कराए गए लोगों को PFI के प्रशिक्षण शिविरों में हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती थी।
These PFI cadres misinterpreted religious texts and proclaimed that violent form of Jihad was necessary to alleviate the sufferings of Muslims in India. Once recruited into the PFI, the Muslim youth were sent to the training camps organized by the accused PFI cadres where they… https://t.co/jUwfXZoXbk
— ANI (@ANI) March 17, 2023
NIA ने अपनी चार्जशीट में ये भी कहा कि इन सबके पीछे इनका मकसद साल 2047 तक देश में इस्लामिक राज स्थापित करने की साजिश को आगे बढ़ाते हुए हिंसक आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना था। इन लोगों ने प्रोपेगेंडा फैलाया कि भारत में मुस्लिमों की पीड़ित किया जा रहा है।
एजेेंसी ने बताया कि ये लोग भर्ती करने के युवाओं को बताते थे कि मुस्लिमों की पीड़ा को कम करने के लिए देश में जिहाद का हिंसक रूप आवश्यक था। पीएफआई में भर्ती करने के बाद आरोपित मुस्लिम युवाओं को प्रशिक्षण शिविरों में भेजते थे। यहाँ शरीर के महत्वपूर्ण अंगों- जैसे गले, पेट और सिर पर हमला करके ‘निशाना’ बनाने की ट्रेनिंग दी जाती थी।
एनआईए ने कराटे प्रशिक्षण केंद्र के नाम पर संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) द्वारा ट्रेनिंग कैंप चलाए जाने के मामले में सितंबर 2022 में छापेमारी की थी। एनआईए ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल, नेल्लोर, कडपा, गुंटूर और तेलंगाना के निजामाबाद में संदिग्धों के घर व बिजनेस परिसरों की तलाशी भी ली थी।
इससे पहले जुलाई 2022 में तेलंगाना की निजामाबाद पुलिस ने कराटे और मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग की आड़ में देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में PFI के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपितों के नाम शेख शहदुल्लाह, अब्दुल मोबीन और मोहम्मद इमरान हैं। इनमें एक आरोपित ने अब तक 200 मुस्लिमों को ट्रेनिंग देने की बात कबूली।
इन लोगों को देश के अलग-अलग हिस्सों में अस्थिरता फैलाने का टास्क मिला था। निजामाबाद पुलिस कमिश्नर द्वारा शेयर मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रेनिंग सेंटर में देश की धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ शिक्षा दी जा रही थी। यहाँ शरिया कानून लागू करने के लिए उकसाया जाता था। ट्रेनिंग के लिए गरीब और मध्यम वर्ग के युवाओं को भर्ती किया जा रहा था।
स्रोत : ऑप इंडिया