कोल्हापुर – मूर्ति का घर्षण होने का कारण बताते हुए पुरातत्व विभाग के निर्देशानुसार वर्ष 1997 से श्री महालक्ष्मी देवी की मूर्ति पर स्नान-अभिषेक आदि नित्योपचार परंपरा बंद कर दी गई है । वर्तमान में 14 मार्च 2023 को केंद्रीय पुरातत्व विभाग ने श्री महालक्ष्मी देवी की मूर्ति के निरिक्षण के पश्चात मूर्ति सुस्थिति में होने का बात कही थी । वर्तमान में मूर्ति के संवर्धन की तत्काल आवश्यकता नहीं है, इसलिए भविष्य में आवश्यकता पडने पर उसके संवर्धन को प्रधानता दी जाएगी, ऐसा कहा है । श्री महालक्ष्मी देवी की मूर्ति सुस्थिति में होने का आश्वासन पुरातत्व विभाग के देने पर अब मूर्ति पर स्नान-अभिषेक आदि नित्योपचार परंपरा आरंभ करने में कोई भी अडचन नहीं होनी चाहिए । अत: इस संदर्भ में वर्तमान में श्री महालक्ष्मी देवस्थान के प्रशासक के रूप में जिम्मेदारी संभालनेवाले कोल्हापुर के मा. जिलाधिकारी इस संदर्भ में ब्योरा लेकर सभी प्रशासकीय प्रक्रिया पूर्ण करें एवं देवीभक्तों की श्रद्धाओं का संवर्धन कैसे होगा, इसका विचार कर मूर्ति पर स्नान-अभिषेक आदि नित्योपचार परंपरा तुरंत आरंभ करें, ऐसी मांग ‘देवीभक्त सकल हिन्दू समाज’की ओर से पत्रकार परिषद में की गई है ।
इस अवसर पर ‘देवीभक्त सकल हिंदू समाज’के श्री. शरद माळी ने कहा, ‘‘हिन्दू धर्म शास्रानुसार मूर्ति में चैतन्य जागृत रहने के लिए किसी भी देवता पर स्नान-अभिषेक आदि नित्योपचार परंपरा शुरू रहना अत्यावश्यक होता है । यह परंपरा बंद होने से समस्त देवीभक्तों की श्रद्धाओं का हनन हो रहा है । श्री महालक्ष्मी देवी की मूर्ति पर अभिषेक बंद होने से यह बात देवीभक्तों के गले के नीचे नहीं उतर रही है । पहले पुरातत्त्व विभाग ने दावा किया कि मूर्ति का घर्षण रोकने के लिए एवं मूर्ति संवर्धन होने के हेतु मूर्ति पर रासायनिक लेपन करने का उपाय बताया था । उस अनुसार पुरातत्व विभाग द्वारा रासायनिक लेपन भी किया गया; परंतु तब भी मूर्ति के घर्षण होने का समाचार मिलने पर सभी भक्तों को चिंता सताने लगी । इसके साथ ही पुरातत्त्व विभाग के मूर्तिसंवर्धन ज्ञान पर भी शंका निर्माण हो गई थी । अब इसी विभाग के नए ब्योरे के संदर्भ में मन में अविश्वास होने से जिलाधिकारी के ही आश्वासन देने से अब उनका इस संदर्भ में दायित्व और भी बढ गया है । इसलिए प्रतिदिन लाखों की संख्या में देवीदर्शन के लिए आनेवाले श्रद्धालुओं को न्याय मिलने के लिए माननीय जिलाधिकारी शीघ्रताशीघ्र आगे बढें, ऐसी ‘देवीभक्त सकल हिन्दू समाज’ की भूमिका है ।
इस प्रसंग में देवीभक्त सकल समाज की ओर से श्री. शरद माळी, श्री. राजू यादव, श्री. सुरेश यादव, श्री. किशोर घाटगे, श्री. शिवानंद स्वामी उपस्थित थे ।