सनातन धर्म का अपमान करनेवाले जितेंद्र आव्हाड पर कडी कार्यवाही होनी चाहिए ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति
मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड लगातार विवादित बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। एनसीपी नेता ने इस बार कहा कि, “सनातन धर्म देश को लगा एक कीडा है।”
दरअसल, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री ने मुंबई से लगे मीरा-भायंदर में दो दिवसीय सभा का आयोजन किया था। इस सभा को कांग्रेस और एनसीपी ने अपना विरोध दर्ज कराया था। लेकिन इसके बावजूद बागेश्वर धाम की सभा हुई जिसमे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। इसी को लेकर जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया, जिस पर आव्हाड ने ये विवादित बयान दिया।
जितेंद्र आव्हाडांनी केलं मोठं विधान…#JitendraAwhad #News18Lokmat #ViralPost #MaharashtraPolitics pic.twitter.com/4LZvD4Zk3K
— News18Lokmat (@News18lokmat) March 19, 2023
सनातन ने शिक्षा से रखा वंचित
उन्होंने कहा – “सनातन धर्म का प्रचार करने वालों को मुंबई में बुलाकर सभाएं की जा रही हैं। यह हमारा दुर्भाग्य है। सनातन धर्म की परिभाषा और सनातन धर्म क्या है ? हम इसे नहीं समझते हैं। वे सनातन धर्म को हिंदू धर्म से जोड़कर अपने हाथ में दे देते हैं। लेकिन, सनातन धर्म इससे बिल्कुल अलग है। सनातन धर्म ने यहां पांच हजार से अधिक वर्षों तक जाति व्यवस्था का अभ्यास किया। यहां के 95 से 97 प्रतिशत समुदाय शिक्षा से वंचित थे। अधिकार से वंचित थे । यही सनातन धर्म है।”
ब्राह्मणो ने किया व्यवस्था का विरोध
आव्हाड ने कहा, “गोपाल गणेश आगरकर, गोपाल कृष्ण गोखले, श्रीपाद अमृत डांगे जैसे लोग इन सनातन धर्मियों के खिलाफ खड़े हो गए। इन बड़े ब्राह्मणों ने इस व्यवस्था के खिलाफ बोला। यह ब्राह्मणों के खिलाफ नहीं था, बल्कि लोगों के मन में ब्राह्मणवाद था, जो आज भी कायम है।
उन्होंने आगे कहा, “अगरकर पिछड़े नहीं थे, वे ब्राह्मण थे। वह एक प्रोफेसर थे। गांधी गोपाल कृष्ण गोखले को अपना पिता मानते थे। गोपाल कृष्ण गोखले एक ब्राह्मण थे। लेकिन वह प्रगतिशील थे। तो सनातन धर्म देश का एक दीमक है। इस कीड़े को मत खिलाओ। यहां की अठारह पगड़ी जातियां इस पर विचार करें। सनातन धर्म पिछले दरवाजे से वापस आने की कोशिश कर रहा है।”
स्रोत : यूसीएन न्यूज