मुंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार (24 मार्च, 2023) को टिप्पणी की कि सनातन संस्था कोई प्रतिबंधित आतंकी संगठन नहीं है। उच्च न्यायालय सनबर्न टेरर अटैक कॉन्सपिरेसी 2017 और नालासोपारा आर्म्स हॉल केस 2018 मामले में आरोपितों के जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रही थी। उच्च न्यायालय ने एटीएस द्वारा आरोपित बनाए गए संस्था के दो सदस्यों को जमानत दे दी। न्यायालय की तरफ से कहा गया कि आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
विशेष न्यायालय द्वारा जमानत अर्जी ठुकराए जाने के बाद आरोपित लीलाधर उर्फ विजय लोधी और प्रताप हाजरा ने उच्च न्यायालय में अपील की थी। इस अपील पर जज सुनील शुकरे और कमल खाता की बेंच ने सुनवाई की। महाराष्ट्र एटीएस ने यूएपीए के तहत लीलाधर और प्रताप हाजरा को गिरफ्तार किया था। एटीएस की तरफ से आरोप लगाए गए थे कि लोधी सनातन संस्था का हिस्सा था जिनका मकसद हिंदू राष्ट्र की स्थापना करना है।
Sanatan Sanstha has not been declared a banned or terrorist organization under the Unlawful Activities (Prevention) Act, 2004, the Bombay High Court recently observed.
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एटीएस ने आरोप लगाया था कि लीलाधर लोधी, प्रताप हाजरा और उनके साथियों ने कच्चे बम तैयार किए थे। आतंकवाद निरोधक दस्ते ने वर्ष 2018 में महाराष्ट्र के नालासोपारा में वैभव राउत के घर से कई कच्चे बम बरामद किए थे। इस मामले में प्रताप हाजरा,लीलाधर लोधी और वैभव राउत समेत कई लोगों को आरोपित बनाया गया था।
न्यायालय ने अपनी सुनवाई के दौरान कहा कि मिले बम लीलाधर और प्रताप हाजरा के ही हैं, इसका स्पष्ट सबूत नहीं है। क्योंकि, जिस घर से बम बरामद हुए उसका मालिक कोई और है। एटीएस ने आरोप लगाए थे कि सनातन संस्था के सदस्यों को विस्फोटक और फायर आर्म का उपयोग करने की ट्रेनिंग दी गई थी। न्यायालय ने इस पर कहा कि एटीएस द्वारा इसपर कोई भौतिक सबूत पेश नहीं किया गया। जिससे पता चले प्रशिक्षण शिविर वास्तव में लगाए गए थे।
इसके अलावा एटीएस ने संस्था के सदस्यों पर सनबर्न फेस्टिवल 2017 के दौरान हमले की साजिश का आरोप लगाया था। आरोप था कि हाजरा ने मोबाइल के जरिए सनबर्न फेस्ट हमला साजिश के मुख्य आरोपित से बात की थी। न्यायालय ने कहा कि हाजरा का फोन 2020 में जब्त हुआ। हो सकता है कि 2017 में उस नंबर का उपयोग कोई और कर रहा हो। न्यायालय द्वारा इस संबंध में सबूत मांगे जाने पर एटीएस पर्याप्त सबूत पेश करने में असमर्थ रहा। इसके बाद न्यायालय ने 50-50 हजार के निजी मुचलके पर लोधी और हाजरा को जमानत दे दी गई।
न्यायालय ने जोर देते हुए कहा कि, सनातन संस्था को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 2004 के तहत प्रतिबंधित नहीं किया गया है। न ही इसका किसी आतंकी संगठन से कुछ लेनादेना है। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार यह एक चैरिटेबल ट्रस्ट है। जिसका मकसद आध्यात्मिक ज्ञान को बढ़ावा देना है। इसकी स्थापना 23 मार्च 1999 को हुई थी। प.पू. भक्तराज महाराज की प्रेरणा से परात्पर गुरु डॉ. जयंत बालाजी आठावलेजी ने इसकी स्थापना की थी।
स्रोत: ऑप इंडिया