नई दिल्ली – दिल्ली दंगे में मंदिर में तोडफोड करने व तीन व्यक्तियों पर गोली चलाने के मामले में शनिवार को कडकड़डूमा न्यायालय ने छह लोगों पर आरोप तय करने का आदेश कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल के न्यायालय ने आदेश में कहा कि, साक्ष्यों और रिकार्ड पर रखी गई सामग्री से प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि सभी आरोपित हिंदू व्यक्तियों और मंदिर पर हमला करने के उद्देश्य से गैर कानूनी समूह में समान मंशा से शामिल हुए थे।
मारने के इरादे से हिंदुओं पर पथराव किया और गोली चलाई। उसका ही परिणाम रहा कि तीन व्यक्ति घायल हो गए। ऐसे में सभी आरोपितों पर आरोप बनता है।
नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में न्यू उस्मानपुर थाना क्षेत्र में दंगाइयों ने उत्पात मचाया था। इस क्षेत्र की ब्रह्मपुरी गली नंबर-13 में 24-25 फरवरी की दरम्यानी रात को धार्मिक नारे लगा रहे दंगाइयों ने गोलियां चलाई थीं। इस हमले में श्याम, भावे गौतम और लोकेंद्र घायल हुए थे। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जुटाई थी।
पीड़ित और गवाहों ने फुटेज से कुछ दंगाइयों की पहचान की थी। गवाहों की ओर से कुछ वीडियो प्राप्त हुए। उनमें भी कुछ लोग दंगा करते दिखे। कुछ के नाम पूछताछ में सामने आए। इसी आधार पर पुलिस ने इस केस में मोहम्मद मुकर्रम, नासिर उर्फ अरबाज, मोहम्मद नईम, अमन अब्बास, गुल्लू उर्फ अरशद जैदी और शोएब को आरोपित बनाया।
बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि आरोपितों के खिलाफ पेश किए गए साक्ष्य भरोसेमंद नहीं है। उधर, अभियोजन की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि घटना में सभी आरोपितों की मौजूदगी के उनके पास पर्याप्त साक्ष्य हैं। गवाहों के साथ वीडियो फुटेज भी हैं। इस पर न्यायालय ने सभी आरोपितों के खिलाफ दंगा, घातक हथियारों का उपयोग और हत्या का प्रयास करने समेत कई आरोप तय करने का आदेश कर दिया। नासिर के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत आरोप तय करने का आदेश भी किया है।
स्रोत : जागरण