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दिल्ली के निजामुद्दीन में दरगाह के अवैध निर्माण पर चला लोक निर्माण विभाग का बुलडोजर

नोटिस के बावजूद खादिमों ने नहीं किया था खाली

दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन की दरगाह के पास मजार के रूप में किए गए अतिक्रमण को पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया। इस मजार के माध्यम से सड़क के फुटपाथ पर अतिक्रमण कर लिया गया था। शनिवार (1 मार्च 2023) को ध्वस्तीकरण के दौरान दिल्ली पुलिस, अर्ध सैनिक बल और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी मौजूद रहे।

मथुरा रोड के ऑपोजिट चक्कर वाली मस्जिद के पास स्थित एक दरगाह के पास की है। दरगाह के केयरटेकर यूसुफ बेग ने कहा कि सैयद अब्दुल्ला उर्फ भूरे शाह की दरगाह सदियों पुरानी है। यह 16वीं शताब्दी का एक दोमंजिला गुंबददार मुगलकालीन स्मारक है, जो सब्ज बुर्ज के पास एक भूखंड पर स्थित है।

बेग ने बताया कि पीडब्ल्यूडी के द्वारा बताया गया था कि सड़क के फुटपाथ पर मजार का कुछ हिस्सा आ रहा है और इसे हटाना होगा। डिपार्टमेंट द्वारा बुलडोजर लाया गया और सड़क किनारे के हिस्से के साथ-साथ मजार के किनारे का पूरा हिस्सा तोड़ दिया गया।

इस अवैध निर्माण में मजार के आसपास खड़ा किया गया अवैध निर्माण और केयरटेकर का रहने का आवास भी शामिल है। हालाँकि, भूरे शाह के कथित कब्र को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया गया है। मजार की आड़ में आसपास के अवैध निर्माण को ही ध्वस्त किया गया है।

इसे हटाने के लिए PWD ने कई बार नोटिस दिया था, लेकिन दरगाह के खादिमों ने इसे खाली नहीं किया था। इतना ही नहीं दरगाह की जमीन को लेकर दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और दिल्ली वक्फ बोर्ड के बीच मुकदमा भी चल रहा है। मामला अभी लंबित है।

बेग ने कहा कि यह दरगाह 500 साल पुरानी है और उस समय ना सड़क थी और फुटपाथ। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले एसडीएम से उनकी बात हुई तो तो अधिकारी ने कहा था कि इसका कुछ हिस्सा हटा लो और फिर 13 मीटर हटा दिया गया। इसके बाद भी फिर यह कार्रवाई की गई।

व्यस्त जाकिर हुसैन मार्ग के सामने वाले स्थल पर कार्रवाई के दौरान पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान सतर्क रहे। अधिकारियों का कहना है कि दरगाह निजामुद्दीन जैसे संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है, इसलिए सुरक्षाबलों की पर्याप्त तैनाती गई है। इस दौरान सुरक्षा बल आँसू गैस के गोले सहित तमाम तरह के उपायों से लैस थे।

स्रोत : ऑप इंडिया

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