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इस्लामिक देशों के ग्रुप OIC ने कहा – ‘रामनवमी पर हुई हिंसा मुसलमानों के खिलाफ संगठित हमला’; भारत सरकार ने लताडा

मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन यानी OIC को मोदी सरकार ने जमकर लताड़ लगाई है। रामनवमी हिंसा को लेकर ओआईसी प्रोपेगेंडा कर रहा था। चिंता जताने के बहाने हिंदुओं को ‘कट्टरपंथी’ और मुस्लिमों को ‘विक्टिम’ दिखलाने की कोशिश कर रहा था। मोदी सरकार ने इसे ओआईसी की मजहबी सोच और भारत विरोधी एजेंडे का नमूना बताया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 4 अप्रैल 2023 को OIC के बयान पर कड़ा एतराज जताया। ओआईसी को फटकार लगाते हुए उन्होंने कहा, “हम भारत के संबंध में OIC सचिवालय की ओर से जारी किए गए बयान की कड़ी निंदा करते हैं। ओआईसी का यह बयान उसकी सांप्रदायिक मानसिकता और भारत विरोधी एजेंडे का एक और नमूना है।” बागची ने कहा कि भारत विरोधी ताकतों के झाँसे में आकर OIC अपनी प्रतिष्ठा को खुद नुकसान पहुँचा रहा है।

उल्लेखनीय है कि भारत के 7 राज्यों के कई जगहों पर रामनवमी शोभा यात्रा को निशाने बनाने की घटना सामने आई है। ज्यादातर मामलों में शोभा यात्रा पर हमले मस्जिद के पास हुए हैं। बिहार के सासाराम और बिहारशरीफ में भी हिंसा हुई है। बिहारशरीफ में एक मदरसे के जलने की घटना सामने आई है। वैसे यहाँ आग कैसे लगी यह स्पष्ट नहीं है। कुछ लोग आशंका जाहिर कर रहे हैं कि खुद को पीड़ित दिखाने के लिए दंगाइयों ने जानबूझकर आग लगाई हो।

इन घटनाओं का हवाला देते हुए OIC ने 4 अप्रैल को एक बयान जारी किया था। इस बयान में कहा गया था, “OIC सचिवालय रामनवमी शोभा यात्रा के दौरान भारत के कई राज्यों में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने वाली हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाओं से चिंतित है। कट्टरपंथी हिंदुओं की भीड़ ने 31 मार्च को बिहारशरीफ में मदरसे और लाइब्रेरी को आग के हवाले कर दिया। ओआईसी दोषियों पर कड़ी कड़ी कार्रवाई और देश में मुस्लिमों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान भारतीय अधिकारियों से करता है।”

बयान में मुस्लिमों को विक्टिम दिखाने के लिए ‘इस्लामोफोबिया’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। वैसे यह पहली बार नहीं है, जब ओआईसी ने भारत के अंदरुनी मामलों को लेकर टिप्पणी की हो। वह जम्मू-कश्मीर को लेकर भी विवादित बयान दे चुका है।

स्रोत: ऑप इंडिया

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