दिल्ली में साल 2020 के हिन्दू विरोधी दंगों के शिकार रहे ब्रह्मपुरी के हिन्दुओं ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने नमाज़ और मदरसे के नाम पर गली में बाहरी मुस्लिमों के जमावड़े की शिकायत की है। पीड़ितों ने खुद को घरों से बाहर निकलने में भी दिक्कत बताते हुए पलायन को मजबूर होने की आशंका जताई है। बुधवार (5 अप्रैल 2023) को भेजे गए इस पत्र में आरोपित के रूप में खासतौर पर अब्दुल रफीक का नाम लिखा गया है।
इस शिकायती पत्र में शिकायतकर्ता के तौर पर शीशपाल तिवारी हैं। उनके साथ इस चिट्ठी पर ब्रह्मपुरी के ही कई अन्य लोगों के भी दस्तखत हैं। चिट्ठी में विषय के तौर पर हिन्दुओं को भगाने के लिए गैरकानूनी मस्जिद और मदरसों को बनाने का जिक्र किया गया है। रफीक के खिलाफ साल 2018 में दिल्ली पुलिस के DCP द्वारा कराए गए समझौते को तोड़ने का भी आरोप है। इस समझौते में सिर्फ गली के लोगों को नमाज़ पढ़ने की अनुमित दी गई थी लेकिन शिकायत के अनुसार अब वहाँ बाहरी लोग नमाज़ पढ़ने पहुँच रहे हैं।
नोर्थ ईस्ट दिल्ली के ब्रह्मपूरी से हिंदू पलायन को मजबूर।
ब्रह्मपूरी के हिंदुओ ने गृह मंत्री अमित शाह से लगाई गुहार।@AmitShah @CPDelhi @LtGovDelhi pic.twitter.com/Ui2bcFxv1v
— Sagar Kumar “Sudarshan News” (@KumaarSaagar) April 7, 2023
शिकायतकर्ताओ ने इसे जानबूझ कर की जा रही हरकत बताया है। उनका कहना है कि हिन्दू परिवारों का घर से बाहर निकलना भारी पड़ रहा है जिस से वो घर छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। शिकायत में आगे बताया गया है कि गली नंबर 8 ले मकान C-76/4,में साल 2017-2018 में हिन्दुओ को भगाने के लिए मस्जिद व मदरसों का निर्माण शुरू किया गया था। इस निर्माण का हिन्दू समाज ने काफी विरोध किया था। तब स्थानीय प्रशासन ने साल 2018 में दोनों समुदायों को बुला कर आपसी समझौता लिखित करवा दिया था। शिकायतकर्ताओं ने इस समझौते की कॉपी भी अटैच की है। सुदर्शन न्यूज़ के पत्रकार सागर कुमार ने इस पत्र को शेयर किया है।
शीशपाल तिवारी व अन्य लोगों के मुताबिक उनके घरों में आरोपितों द्वारा खून तक डाल दिया जाता है। तब इसकी शिकायत न्यू उस्मानपुर थाने में की जाती है। नए आरोप में गली के निवासियों ने कहा है कि मास्टरमइंड अब्दुल रफीक 2018 में पुलिस द्वारा कराए समझौते का उल्लंघन कर रहा है। रफीक पर बाहरी लोगों को बुला कर गली में नमाज़ पढ़वाने का भी आरोप लगाया गया है। शिकायतकर्ताओं ने रफीक की इस हरकत के पीछे हिन्दुओं को पलायन करवाने की साजिश की आशंका जताई है।
नमाज़ के नाम पर जुटने वाले बाहरी लोगों में कई असामाजिक तत्व होने की भी शिकायत की गई है। साथ ही गली में एक नए मदरसे के निर्माण की तैयारी की तरफ भी इशारा किया गया है। अंत में अब्दुल रफीक और उसके साथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की गई। इस कार्रवाई को अपने पलायन रोकने के लिए बेहद जरूरी बताया गया है। पत्र की प्रतियाँ केंद्रीय गृहमंत्रालय के साथ दिल्ली के उपराज्यपाल, पुलिस कमिश्नर, इलाके के SHO, ACP और DCP को भी भेजी गईं हैं। पत्र में ACP सीलमपुर की मुहर भी लगी है और तारीख 5 अप्रैल 2023 की है।
8-10 साल से चल रही ये साजिश
ऑपइंडिया ने इस शिकायत की पुष्टि के लिए शिकायतकर्ता रामनाविवास शर्मा से बात की। उन्होने पत्र भेजने की पुष्टि करते हुए बताया कि नमाज़ के नाम पर उन्हें और गली वालों को कुछ मुस्लिमों द्वारा काफी परेशान किया जा रहा है। शर्मा ने आरोप लगाया कि गली में जगह बदल-बदल कर नमाज़ पढ़ी जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
स्रोत : ऑपइंडिया