असम पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और सीएफआई (कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया) के तीन नेताओं को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी असम के बरपेटा जिले से हुई है। बता दें कि सरकार ने पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर बीते साल सितंबर में प्रतिबंध लगा दिया था। उसके बाद से ही पीएफआई के नेताओं की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी है।
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— Organiser Weekly (@eOrganiser) April 8, 2023
गिरफ्तार नेताओं की हुई पहचान
गिरफ्तार नेताओं की पहचान पीएफआई के राज्य सचिव जाकिर हुसैन और सीएफआई के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अबु सामा और शहीदुल इस्लाम के रूप में हुई है। पुलिस ने गिरफ्तार नेताओं के पास से डेढ़ लाख रुपए की नकदी बरामद की है। साथ ही चार मोबाइल फोन और एसडीपीआई के पंपलेट भी बरामद किए गए हैं। असम पुलिस के एडीजीपी हिरेन नाथ ने यह जानकारी दी है।
2022 में केंद्र सरकार ने लगाया था प्रतिबंध
बता दें कि केंद्र सरकार ने सितंबर 2022 में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगा दिया था। कई राज्यों ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। प्रतिबंध के बाद देशभर में पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों के ठिकानों पर छापेमारी हुई और पीएफआई के कई नेताओं को हिरासत में लिया गया। पीएफआई के साथ ही उसके आठ सहयोगी संगठनों रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ ह्युमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन, नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन जैसे संगठन शामिल हैं।
हथियारों की दे रहे थे ट्रेनिंग
पीएफआई एक कट्टरपंथी संगठन है, जिस पर आरोप है कि वह 2047 तक देश को इस्लामी राष्ट्र में तब्दील करने की योजना से काम कर रहा था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए की चार्जशीट में बताया गया है कि पीएफआई एक खतरनाक रणनीति के तहत अपने मकसद को पूरा करने में जुटा था। इसके लिए अलग-अलग विंग का गठन किया गया था। पीएफआई से जुड़े लोग मुस्लिम युवाओं को बरगलाकर उन्हें कट्टरपंथी बनाकर भारत को इस्लामिक राज्य बनाने की दिशा में बढ़ रहे थे। इसके लिए विदेशों से फंड जुटाया जा रहा था और युवाओं को हथियारों की ट्रेनिंग भी दी जा रही थी।
स्रोत : अमर उजाला