पटना : बिहार में रामनवमी पर हुई हिंसा के मामले में विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरएन सिंह ने कहा है कि इसके पीछे पीएफआई का हाथ है। इसकी जांच एनआईए से कराई जाए। विशेष समुदाय को खुश करने के लिए हिंदुओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। बिहार सरकार एकतरफा कार्रवाई करा रही है। हम लोग अब चुप नहीं बैठेंगे। तुष्टिकरण नहीं होने देंगे। सोमवार (10 अप्रैल) को एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
इससे पहले आरएन सिंह ने कहा कि बिहार सरकार की जांच पर भरोसा नहीं है। रामनवमी के दिन जुलूस पर प्लानिंग के तहत पथराव कराया गया। पटना के फुलवारी शरीफ में टेरर मॉड्यूल सामने आया था जिसमें पीएफआई का हाथ था। 2047 तक मुस्लिम राष्ट्र बनाने की रणनीति पर काम हो रहा था। आतंकी ट्रेनिंग दी जा रही थी। आठ-दस की गिरफ्तारी हुई थी इस मामले में लेकिन इससे पीएफआई थोड़ी खत्म हो जाएगा।
जल उठा था नालंदा और सासाराम
बता दें कि रामनवमी पर जुलूस के दौरान बिहार शरीफ और सासाराम जल उठा था। शोभायात्रा पर जिहादियों ने पथराव किया गया था। तोड़फोड़, आगजनी, लूटपाट, बमबाजी, फायरिंग की गई थी। हालात बेकाबू हो गए थे। धारा 144 लागू की गई थी। इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया था। हिंसा में दोनों जगह एक-एक की मौत भी हुई थी।
बिहारशरीफ हिंसा मामले में स्थानीय पुलिस द्वारा पहले से जो जांच की जा रही है उसमें बिहारशरीफ में दर्ज 15 केस में 271 लोगों को नामजद किया गया था। इनमें 140 को गिरफ्तार किया गया है। इनमें 100 नामजद और 40 गैर नामजद शामिल हैं। ईओयू भी जांच कर रही है। आर्थिक अपराध इकाई ने भी एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर बिहारशरीफ के अलग-अलग थानों में दर्ज 15 प्राथमिकी से बिल्कुल अलग है। बिहारशरीफ में सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालकर हिंसा भड़काने वाले पांच नामजद लोगों को ईओयू ने गिरफ्तार भी किया है। इनमें मनीष कुमार, तुषार कुमार तांती, धर्मेंद्र मेहता, भूपेंद्र सिंह राणा उर्फ चंदन सिंह और निरंजन सिंह शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल को जब्त किया गया है।
स्रोत : एबीपी लाइव