महाराष्ट्र एस्.टी. महामंडल के 16 मुख्य बसस्थानकों की दुर्दशा के छायाचित्र व्यवस्थापकीय संचालक को प्रस्तुत !
मुंबई – स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव वर्ष के उपरांत महाराष्ट्र शासन द्वारा सभी एस्.टी. बसस्थानकों पर स्वच्छता मुहिम कार्यान्वित का निर्णय लिया गया था । यह मुहिम घोषित कर 4 माह बीत गए हैं; परंतु प्रत्यक्ष में राज्य के मुख्य बसस्थानक अत्यंत अस्वच्छ पाए गए हैं । राज्य के ऐसे अस्वच्छ 16 बसस्थानकों की दयनीय अवस्था की जानकारी छायाचित्रों सहित एस्.टी. महामंडल को दी गई । हिन्दू जनजागृति समिति के ‘सुराज्य अभियान’के अंतर्गत एस्.टी. महामंडल के व्यवस्थापकीय संचालक शेखर चन्ने से भेट लेकर ये छायाचित्र एवं उस विषय की जानकारी उन्हें सौंप दी गई । मुख्य बसस्थानकों की इतनी दयनीय अवस्था हो, तो राज्य में स्वच्छता मुहिम वास्तव में कार्यान्वित है अथवा सब केवल कागद पर ही है ? ऐसा प्रश्न उपस्थित करते हुए इस मुहिम का ब्योरा लेकर बसस्थानक स्वच्छता मुहिम प्रामाणिकरूप से हो, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के अंतर्गत ‘सुराज्य अभियान’द्वारा की गई है । इस समय संचालक श्री. चेन्ने जी कहा की, हम इस में ध्यान देगें । प्रत्यक्ष में बसस्थानक स्वच्छता मुहिम की यह वास्तविकता मा. मुख्यमंत्री तथा परिवहनमंत्री एकनाथजी शिंदे को भी हो, इसके लिए यह सर्व जानकारी परिवहन विभाग को भी सौंप दी गई है ।
सोलापुर, देगवड, सावंतवाडी, भुसावल, जलगांव, बेलगांव, दापोली, राजापुर, खेड, रत्नागिरी, सातारा, स्वारगेट, कराड, अमरावती, अकोला, आर्णी एवं वणी बसस्थानकों की दयनीय अवस्था की जानकारी एवं छायाचित्र प्रशासन को दे दिए गए । इसमें प्रसाधनगृह की दयनीय अवस्था, बसस्थानकों के परिसर में कूडे-कचरे का साम्राज्य, भित्तीपत्रकों (पोस्टर्स) के कारण विद्रुप हुई दीवारें, टूटी हुई दीवार, टूटी हुई और अस्वच्छ बेंचें, बंद पडे पीने के पानी के नल, मकडी के जालों से भरी छत, परिसर में गढ्ढे, बंद उपहारगृह आदि, बसस्थानकों की स्थिति अत्यंत दयनीय पाई गई है । ऐसे प्रत्येक बसस्थानकों के विभागीय नियंत्रक एवं जिला के पालकमंत्री के पास भी ‘सुराज्य अभियान’द्वारा यह जानकारी दी गई है । एस्.टी. महामंडल के अमृत महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में तो ‘स्वच्छ बसस्थानक’ की संकल्पना साकार हो, इसके साथ ही बसस्थानकों पर कम से कम प्राथमिक सुविधा तो उपलब्ध हों, ऐसी मांग की गई ।
आज लाभ-हानि का विचार न करते हुए एस्.टी. रात-दिन सर्वसामान्यों के लिए अखंड चलती रहती है । एस्.टी. का उत्कर्ष करना हो, तो प्रथम बसस्थानकों की स्वच्छता के साथ ही यात्रियों को कम से कम अच्छी प्राथमिक सुविधा तो दी जानी चाहिए, इसके साथ ही केवल मुहिम तक ही मर्यादित न रहते हुए बसस्थानक सदैव स्वच्छ कैसे रह सकते हैं, इस दृष्टि से ठोस उपाययोजना की जानी चाहिए, ऐसी मांग सुराज्य अभियान के अंतर्गत शासन से की गई है ।