आक्रमण के पीछे ‘पीएफआइ’ अथवा नक्सलवादी, इसका पता लगाएं ! – हिन्दू जनजागृति समिति+
कर्नाटक के गौरी लंकेश हत्या प्रकरण की चपेट में आए हिन्दुत्वनिष्ठों की ओर से अभियोग लडवानेवाले हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ता कृष्णमूर्ती पर कल रात अज्ञातों द्वारा गोलीबारी की गई । अधिवक्ता कृष्णमूर्ती, विश्व हिन्दू परिषद की बैठक के पश्चात अपने चौपहिया वाहन से लौटते समय कर्नाटक के चेट्टळ्ळी से मडिकेरी (जिला कुर्ग) प्रवास कर रहे थे । इस दौरान उनपर आक्रमण किया गया । इस कायरतापूर्ण आक्रमण का हिन्दू जनजागृति समिति तीव्र शब्दों में निषेध करती है । इस गोलीबारी के पीछे किसका हाथ है, इस अधिवक्ता पर आक्रमण करके किसे लाभ होनेवाला है, इस दृष्टि से कर्नाटक पुलिस छानबीन कर इस प्रकरण के आक्रमणकारियों एवं ‘मास्टरमाइंड’को ढूंढ निकाले, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक प्रवक्ता श्री. मोहन गौडा ने की है ।
Attempt on the life of @VHPDigital Madikeri Dist. President & leading advocate in the #Gauri_Lankesh case Shri P. #Krishnamurthy by firing gunshots by miscreants in Madikeri last night.
We strongly condemn the incident & Demand arrest of culprits @alokkumar6994 @DgpKarnataka pic.twitter.com/R6WXjSEO52
— ?Mohan gowda?? (@Mohan_HJS) April 13, 2023
गौरी लंकेश हत्या प्रकरण में हिन्दुत्वनिष्ठ आरोपी के मुख्य अधिवक्ता पर प्राणघातक आक्रमण होना, यह अत्यंत गंभीर एवं संशयास्पद है । गौरी लंकेश का नक्सलवादियों से संपर्क था, ऐसा उन्होंने स्वयं ही कहा था । इसके साथ ही उनकी मृत्यु के उपरांत नक्सलवादियों ने भी निषेध व्यक्त किया था । इस पार्श्वभूमि पर यह आक्रमण अर्थात इस प्रकरण के वकील पर एकप्रकार से दबाव लाने का प्रयत्न ही है, ऐसी शंका उत्पन्न होती है । अधिवक्ता कृष्णमूर्ती इस आक्रमण में बच तो गए हैं, तब भी उन पर पुन: आक्रमण होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता । इसलिए उन्हें सशस्त्र पुलिस संरक्षण देने की आवश्यकता है । इस कायरतापूर्ण आक्रमण के पीछे ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पी.एफ्.आइ.) समान कोई कट्टरतावादी जिहादी संगठन है अथवा गौरी लंकेश समर्थक अर्बन नक्सलवादी हैं, इसकी जांच होनी अत्यंत आवश्यक है, ऐसा श्री. गौडा ने कहा।
अधिवक्ता कृष्णमूर्ती की किसी से शत्रुता नहीं थी । वे हिन्दुत्व के क्षेत्र में सक्रिय हैं, इसी कारणवश उन पर आक्रमण होने की गहरी संभावना है । यह आक्रमण हिन्दुओं पर है । इस प्रयास को विफल कर इसके पीछे ‘मास्टरमाइंड’को ढूंढें, ऐसी हम मांग कर रहे हैं । इस संदर्भ में हम शीघ्र ही कर्नाटक के पुलिस महासंचालक से मिलकर उनसे उपरोक्त मांग करनेवाले हैं । कर्नाटक में इससे पूर्व भी हिन्दुत्वनिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ताओं पर प्राणघातक आक्रमण हुए हैं, अनेकों की हत्या कर दी गई है । राज्य में कानून एवं सुव्यवस्था बिगाडनेवाले इन आक्रमणकारियों पर कार्रवाई की जाए, ऐसी मांग भी हम करनेवाले हैं । इससे पूर्व भी अधिवक्ता कृष्णमूर्ती को ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ नामक आतंकवादी संगठन ने जान से मारने की धमकी दी गई थी ।