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ज्येष्ठ निरुपणकार पू. अप्पासाहेब धर्माधिकारी पर अपराध प्रविष्ट करने की मांग जातीयद्वेषपूर्ण !

…तो क्या राहुल गांधी पर अपराध प्रविष्ट करने की मांग करेंगे ? – हिन्दू जनजागृति समिति का जातीयद्वेषियों से प्रश्न

खारघर में हुई घटना के प्रकरण में ज्येष्ठ निरुपणकार पू. डॉ. अप्पासाहेब धर्माधिकारी पर सदोष मनुष्यवध का अपराध प्रविष्ट करने की मांग करनेवालों से, कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की ‘भारत-जोडो’ यात्रा में पंजाब के कांग्रेस सांसद संतोषसिंह चौधरी, महाराष्ट्र के कांग्रेस सेवा दल के महासचिव कृष्णकांत पांडे इनके साथ ही अनेक लोगों की मौत हुई थी, तब क्या राहुल गांधी पर सदोष मनुष्यवध का अपराध प्रविष्ट करें, ऐसी मांग की थी ?, ऐसा प्रश्न हिन्दू जनजागृति समिति ने उठाया है । साथ ही यह मांग केवल जातीय द्वेष से की जा रही है, ऐसा भी समिति ने कहा है ।

खारघर की घटना में 14 श्री सेवकों की मौत हो गई थी, इस प्रकरण में ज्येष्ठ निरुपणकार पू. डॉ. अप्पासाहेब धर्माधिकारी पर सदोष मनुष्यवध का अपराध प्रविष्ट करने की मांग कुछ ब्रिगेडी एवं तथाकथित इतिहास संशोधकों ने की है । उसका समिति तीव्र शब्दों में निषेध व्यक्त करती है । प्रत्येक घटना की ओर जातीय द्वेष एवं राजनीतिक लाभ से देखनेवाले इन संगठनों का इतिहास सदैव वादग्रस्त रहा है । थाना में कुछ दिन पूर्व ही एक पार्टी के आंदोलन के समय भी एक महिला कार्यकर्ती की हृदयविकार के स्ट्रोक से मौत हो गई थी । इतना ही नहीं, अपितु अनेक राजनीतिक दलों के आंदोलन में अथवा कार्यक्रम के समय ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं । तब कोई भी ऐसी मांग नहीं करता । परंतु प्रचंड बडा सेवा कार्य करनेवाली आध्यात्मिक संस्था को लक्ष्य करने के लिए उनके प्रमुख को बंदी बनाने की मांग करना, यह जातीय द्वेष ही है । खारघर में जो कुछ हुआ, इसके विषय में स्वयं ज्येष्ठ निरुपणकार पू. धर्माधिकारी ने दु:ख व्यक्त किया है । साथ ही राज्य सरकार ने भी ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसलिए विविध उपाययोजना करना प्रारंभ किया है । सरकार ने इस प्रकरण में जांच समिति भी गठन की है । इस समय आरोप प्रत्यारोप करने की अपेक्षा सकारात्मक दृष्टि से क्या सहायता कर सकते है, इस के लिए अग्रसर होना आवश्यकता है, ऐसा भी समिति ने कहा है ।

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