- देवताओं की मूर्तियों को अंग-भंग करने या मंदिरों से मूर्तियों का अदृश्य होने की घटनाएं हो रही हैं !
- हिन्दुओं का आरोप है कि पुरातत्व विभाग द्वारा मंदिरों को बंद कर नष्ट किया जा रहा है !
कोलंबो (श्रीलंका) – श्रीलंका में हिन्दू मंदिरों पर आक्रमण की घटनाएं गत कुछ दिनों से हो रही हैं । इसके अंतर्गत देवी-देवताओं की मूर्तियों को भंग किया जा रहा है या कुछ प्रकरणों में तो मंदिरों की मूर्तियां भी अदृष्य हो गई हैं। यह जानकारी यह भी सामने आई है कि यह सब श्रीलंका सरकार का पुरातत्व विभाग कर रहा है। इससे वहां के तमिल हिन्दुओं में संताप की लहर है और हिन्दू नेताओं ने २५ अप्रैल को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। उनका यह भी आरोप है कि देश को द्रुत गति से ‘सिंहली कृत’ (बौद्ध सिंहली समुदाय का सशक्तिकरण) किया जा रहा है।
Tamils in #SriLanka have witnessed an escalation in the attack on Hindu temples in recent weeks, a trend that they note is part of the State’s “ongoing Sinhalisation project” in the island’s north. @meerasrini reports https://t.co/gC1emengfr
— The Hindu (@the_hindu) April 24, 2023
१. ‘द हिन्दू’ द्वारा प्रकाशित एक प्रतिवेदन में उजागर हुआ है कि ये आक्रमण मुख्य रूप से श्रीलंका के उत्तरी भाग में स्थित हिन्दू बहुल नगर जाफना में हो रहे हैं।
२. कुछ तमिल हिन्दुओं द्वारा सार्वजनिक स्थान पर हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित किए जाने के उपरांत स्थानीय पुलिस ने इसके विरुद्ध न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की और मूर्तियों को हटाने की मांग की।
३. एक ओर, हिन्दू मंदिरों को लक्ष्य किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर, हिन्दू बहुल उत्तरी श्रीलंका में नए बौद्ध स्थलों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। इस क्षेत्र में हिन्दुओं से ईसाइयों और मुसलमानों की संख्या अधिक तथा बौद्धों की संख्या उससे कम है।
४. कुरुन्थुरमलाई साथ ही साथ मुल्लईतिवु के अय्यर मंदिर में बौद्ध विहारों की संख्या, गत कुछ वर्षों में तेजी से बढी है। स्थानीय हिन्दुओं के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनके परिवार ने सिंहली करण को और गति दी। वर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे इसका अनदेखा कर रहे हैं।
तमिल हिन्दुओं के अधिकारों पर प्रहार! – जाफना विधायक गजेंद्र कुमार पोन्नम्बलम !
जाफना के विधायक और तमिल नेशनल पीपुल्स फ्रंट के नेता गजेंद्र कुमार पोन्नम्बलम ने कहा कि पूजा के साथ-साथ तमिल हिन्दुओं के मूलअधिकारों पर आक्रमण किया जा रहा है।पोन्नम्बलम ने यह भी कहा कि तमिल हिन्दुओं और श्रीलंकाई सेना के बीच युद्ध के उपरांत वहां की सरकारें पिछले ३ दशकों से निरंतर उत्तर और पूर्वी श्रीलंका में ‘सिंहली करण’ अभियान चला रही हैं।
प्रकरण कैसे उजागर हुआ ?
श्रीलंका के हिन्दू बहुल उत्तर और पूर्व में पुरातत्व विभाग के बढते अभियानों के साथ मंदिरों पर बढते आक्रमणों का घटनाक्रम उजागर हुआ है । सरकारी अधिकारियों द्वारा ऐतिहासिक स्थलों पर शोध का कारण दिखा कर हिन्दुओं को कुछ मंदिरों में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। वावुनिया के एक वेदुक्कुनारिमलाई मंदिर में पूजा करने गए एक हिन्दू युवक को बंदी कृत करने के उपरांत यह भी सामने आया कि उस मंदिर में मूर्तियों को तोड़ा गया था । हिन्दुओं ने गत मास उस क्षेत्र में बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन भी किया था ।
स्रोत : हिंदी सनातन प्रभात