राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के 12वीं के इतिहास से मुगल साम्राज्य के पाठ को हटाने पर अब केरल में राजनीति हो रही है। केरल की सरकार ने इन बदलावों को लेकर अब नया ऐलान किया है। केरल सरकार ने कहा है, वह हटाए गए चैप्टर को पढ़ाने के लिए सप्लीमेंट्री किताबों में उन चैप्टर्स को जोड़ेगी।
एससीईआरटी के सूत्रों के अनुसार, करिकुलम कमिटी ने निर्णय किया है, राज्य में एनसीआरटी से हटाए गए इतिहास को भी पढ़ाया जाएगा। केरल में इसके लिए सप्लीमेंट्री किताबों को भी पढ़ाया जाएगा। सूत्रों का कहना है, एनसीआरटी ने कक्षा 6 से 12 तक के सिलेबस को रेशनलाइज किया है। हालांकि केरल में 11वीं और 12वीं में ही एनसीआरटी पढ़ाई जाती है।
क्या है केरल सरकार का प्लान ?
जानकारी के अनुसार, एनसीआरटी ने 12 वीं की किताब से मुगल दरबार का चैप्टर हटाया है। एनसीआरटी की वेबसाइट से डाउनलोड करने पर उपलब्ध किताब से 56 पेज का मुगल शासकों वाला चैप्टर हटा दिया गया है। एनसीआरटी का कहना है, छात्रों पर बोझ कम करने के लिए यह बदलाव किया गया है। वहीं विरोध इस बात को लेकर हो रहा है कि यह मुगलों को इतिहास से हटाने की कोशिश की जा रही है।
कई चैप्टर्स में है मुगलों का जिक्र
हालांकि इतिहास की किताब में कई अध्याय हैं जहां पर मुगलों की बात की गई है। 10वीं से 17वीं सदी के भारत के चैप्टर और भक्ति, सूफी परंपराओं पर आधारित अध्याय में मुगल काल का जिक्र किया गया है। बकौल एनसीआरटी प्रमुख दिनेश सकलानी ने कहा, मुगलों के इतिहास को पाठ्यपुस्तक से नहीं हटाया गया है बल्कि कुछ हिस्सा हटाकर छात्रों का बोझ कम किया गया है।
वहीं इस मामले में विपक्षी दल मुगलों का चैप्टर हटाए जाने के बाद से ही सत्तारुढ़ बीजेपी पर यह आरोप लगा रहे हैं कि वह इस देश में इतिहास बदल देना चाहती है। जिससे कि वह देश का भगवाकरण कर सके।
स्रोत : abplive