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कोलकाता उच्च न्यायालय का ममता सरकार को झटका, रामनवमी हिंसा की जांच एनआईए से कराने के दिए आदेश

पश्चिम बंगाल में रामनवमी की हिंसा को लेकर चल रही सुनवाई के बीच जांच को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि हावड़ा और दलखोला जिलों में हुई हिंसा की जांच एनआईए को ट्रांसफर कर दी गई है।  ममता सरकार ने इस हिंसा की जांच CID को दी थी। इस मामले में 116 लोगों को भी  गिरफ्तार किया गया था।

बता दें कि पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की ओर से रामनवमी हिंसा पर याचिका दायर की गई थी। इसमें मांग की गई थीं कि हिंसा की जांच एनआईए से कराई जाए। इस याचिका पर हाईकोर्ट की कार्यकारी चीफ जस्टिस टीएस शिवागननम की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले को बंगाल पुलिस से एनआईए को सौंपने का आदेश दिए हैं।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिया आदेश

इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल पुलिस को मामले से जुड़े सारे रिकॉर्ड्स और सीसीटीवी फुटेज केंद्र सरकार को दो हफ्ते के अंदर सौंपने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही केंद्र को इन दस्तावेजों को एनआईए को भेजने के लिए कहा गया है।

रामनवमी पर हुई थी जबरदस्त हिंसा

बता दें कि पश्चिम बंगाल में इस बार रामनवमी के मौके पर 30 मार्च को हावड़ा, उत्तरी दिनाजपुर, इस्लामपुर में शोभायात्रा के दौरान झड़पें हुई थीं। इसमें एक युवक की मौत हो गई थी। इसके बाद के दिनों में हावड़ा और रिसड़ा के अलावा कई अन्य जगहों पर शोभायात्रा के दौरान आगजनी और हिंसक घटनाएं हुईं थीं।

बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने हनुमान जयंती से पहले पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से कहा था कि वह राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती करवाए। बीजेपी लगातार उन पर आरोप लगाती रही है कि ममता बनर्जी के उकसावे वाले बयानों के चलते बंगाल में हिंसा भड़की थी।

स्रोत : डीएनए हिंदी

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