पुणे में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में सक्रिय होने का हिन्दुत्वनिष्ठाें का निर्धार !
पुणे – भारत की ४ सहस्र ५०० कि.मी. लंबाई की सीमा बांगलादेश से जुडी हुई है । सिलिगुडी कॉरिडोर से घुसपैठ कर ईशान्य भारत को मुसलमान बहुसंख्यक बनाने का प्रयत्न देश की स्वतंत्रता से चला आ रहा है । असम के स्वतंत्रता सैनिक एवं पूर्व मुख्यमंत्री गोपीनाथ बोर्डोलोई ईशान्य भारत के प्रदेश पाकिस्तान को देने के विरोध में थे । केवल इसीलिए आज ईशान्य भारत के ७ राज्य स्वतंत्र भारत के भाग हैं । अन्य देशों में घुसपैठियों को १२ वर्ष अथवा आजीवन कारावास से लेकर उन्हें बंदूक से मार डालने का दंड है; परंतु भारत में घुसपैठ करने पर उन्हें आधारकार्ड, रेशनकार्ड से लेकर उन्हें मंत्री बनने तक की सुविधा प्राप्त है । बांगलादेशियों की घुसपैठ रोकने के लिए राजकीय इच्छाशक्ति का निर्माण और कानून की कठोर कार्यवाही होने पर बांगलादेशी घुसपैठ का यह कर्करोग समूल नष्ट हो सकता, ऐसे स्पष्ट विचार ब्रिगेडियर (निवृत्त) हेमंत महाजन ने प्रस्तुत किए । वे हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में बोल रहे थे ।
इस अवसर पर पुणे एवं सातारा जिलों से १३० से अधिक हिन्दुत्वनिष्ठ उपस्थित थे । यहां के इंद्रप्रस्थ मंगल कार्यालय में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ । शंखनाद एवं वेदमंत्रपठन से कार्यक्रम का आरंभ हुआ । वीर सावरकर स्मृति प्रतिष्ठान के महामंत्री श्री. विद्याधर नारगोलकर के हस्तों दीपप्रज्वलन किया गया । इस अवसर पर सनातन की धर्मप्रचारक सद्गुरु स्वाती खाडये एवं हिन्दू जनजागृति समिति के पश्चिम महाराष्ट्र, कोकण, गुजरात एवं गोवा राज्य के समन्वयक श्री. मनोज खाडये उपस्थित थे ।
इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के पुणे जिला समन्वयक श्री. पराग गोखले ने अधिवेशन का उद्देश्य बताया एवं श्री. महेश पाठक ने सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी ने अधिवेशन के उपलक्ष्य में दिए संदेश का वाचन किया । सनातन के १२३ वें संत पू. (श्रीमती) मनीषा पाठक ने ‘आगामी आपातकाल में साधना का महत्त्व’ इस विषय में मार्गदर्शन किया । वीर सावरकर युवा प्रतिष्ठान के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. नीलेश लोणकर, हिन्दू जनजागृति समिति के सातारा जिला समन्वयक श्रीमती भक्ति डाफळे, हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ संगठक श्री. सुनील घनवट, अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर, हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. रवींद्र पडवळ, हिन्दू जनजागृति समिति की कु. प्राची शिंत्रे, श्री. मनीष चाळके इत्यादि मान्यवरों ने विविध विषयों पर मार्गदर्शन किया ।
अधिवेशन में हुई गुटचर्चा में सभी हिन्दुत्वनिष्ठों ने उत्स्फूर्तता से सहभाग लिया और सक्रिय होने का निर्धार किया । इस कार्यक्रम के लिए ह.भ.प. दत्तात्रय चोरघे महाराज, ह.भ.प. सुभाष बडदे, विश्व हिन्दू परिषद के श्री. महेंद्र देवी, गोसेवा परिषद के श्री. राजेंद्र लुंकड, श्री श्री रविशंकर प्रतिष्ठान के श्री. शेखर मुंदडा, महाराष्ट्र ट्रेडिंग के भूतपूर्व अध्यक्ष श्री. दिलीप कुंभोजकर इत्यादि मान्यवरों की उपस्थिति थी । संपूर्ण वन्दे मातरम् गायन से कार्यक्रम संपन्न हुआ । कार्यक्रम के अंत में सभी ने हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए सक्रिय रहने की प्रतिज्ञा ली ।
सनातन प्रभात पढे बिना सोएंगे नहीं, ऐसा निर्धार करेंगे ! – विद्याधर नारगोलकर
श्री. विद्याधर नारगोलकर ने उपस्थितों को आवाहन किया कि नए-नए विषय लेकर हिन्दू जनजागृति समिति कार्य कर रही है । हमें सनातन प्रभात के माध्यम से हिन्दू धर्म पर आघात ध्यान में आते हैं । सनातन प्रभात पढे बिना सोना नहीं है, ऐसा निश्चित करेंगे । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करनेे के लिए एकत्र आएं ! भगवान ने सभी को एक ही बात समान दी है और वह है २४ घंटे ! उसका योग्य उपयोग करें !
मुठ्ठी भर सक्रिय हिन्दू ही ‘हिन्दू राष्ट्र’ लाएंगे ! – सद्गुरु स्वाती खाडये
अन्य धर्मीय निरंतर हिन्दू धर्म पर आघात कर रहे हैं । राष्ट्र, यह केवल संख्याबल पर नहीं; अपितु संस्कृति, धर्म एवं भाषा के स्तंभों पर खडा होता है; इसीलिए मुठ्ठीभर सक्रिय हिन्दू ही हिन्दू राष्ट्र लाएंगे ! वर्ष २०२५ में संपूर्ण विश्व में हिन्दू राष्ट्र आनेवाला ही है । उसके लिए ईश्वरीय अधिष्ठान चाहिए । अत: हम सभी साधना कर हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में अपना-अपना बहुमूल्य योगदान देंगे
एक समानसूत्री कार्यक्रम सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को तैयार कर उसका अवलंबन करना होगा ! – मनोज खाडये
संगठित लडाई क्यों चाहिए ? वह इसलिए कि आंतरराष्ट्रीय मिशनरी संगठन भारी मात्रा में कर रहे धर्मपरिवर्तन, वक्फ बोर्ड को दिए पाशविक अधिकार, हलाल जिहाद ! इन सभी से अपने धर्म की रक्षा करनी हो, तो एक समानसूत्री कार्यक्रम सर्व हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को तैयार कर, उसका अवलंब करना होगा । गत ११ वर्षों में ४५० संगठनों को एकत्र कर कार्य करना आरंभ हुआ है । यह अधिवेशन आगे नेतृत्व करनेवाला है । हमें प्रभावी जनजागृति कर सामान्य हिन्दू उसमें कैसे सहभागी होंगे, ऐसे प्रयत्न करने हैं । उनका नेतृत्व एवं संगठन इस प्रांतीय अधिवेशन के माध्यम से करना है ।