विदर्भ के १६ संगठनों के १०० हिन्दुत्वनिष्ठों का सहभाग
अमरावती, ११ अप्रैल (वार्ता.) – कलियुग में हिन्दुओं के सामने अनेक समस्यों पर एकमेव उपाय है ‘संगठन शक्ति’! देश में ४ लाख मंदिर हैं । उनके माध्यम से अस्पताल, विद्यालय और गुरुकुलों का निर्माण कर सकते हैं । लगभग ४ लाख युवकों को रोजगार मिलेगा । उसके लिए मंदिरों का व्यवस्थापन योग्य पद्धति से हो, इस दृष्टि से कदम उठाने चाहिए । धर्मसत्ता एवं राजसत्ता को एकत्र आकर आदर्श राष्ट्र निर्माण करना आवश्यक है, ऐसा प्रतिपादन कौंडण्यपुर के विदर्भ रुक्मिणी पीठ के जगद्गुरु रामराजेश्वर माऊली सरकार ने किया । यहां हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में वे बोल रहे थे ।
इस्लामी कट्टरवाद के विरोध में हिन्दू संगठित हों ! – गोपालजी गुप्ता, हिन्दू जागरण मंच के विदर्भ प्रांतपालक
भारत हिन्दू राष्ट्र है, यह शाश्वत सत्य है; मात्र हिन्दुओं को जागृत होकर धर्माचरण करना आवश्यक है । भारत में अनेक वाद कार्यरत हैं, जैसे साम्यवाद, जातीयवाद, भाषावाद, माओवाद; परंतु उसमें सबसे अधिक धोकादायक है इस्लामी कट्टरवाद । इसके लिए हिन्दुओं को जागृत एवं संगठित होकर प्रतिकार करना आवश्यक है ।
साधना के बल पर ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ! – पू. अशोक पात्रीकर, सनातन संस्था
हिन्दू राष्ट्र की स्थापना संख्याबल पर नहीं हो सकती, उसके लिए साधना के बल की ही आवश्यकता है । हम भक्त हो गए, तब ही भगवान हमारी रक्षा के लिए निश्चितरूप से दौडे आएंगे । साधना के बल पर ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ।
पाश्चात्य संस्कृति के कारण प्रभावित हुए हिन्दुओं को जागृत करना आवश्यक है ! – पू. संतोषकुमार महाराज, शिवधारा आश्रम, अमरावती
भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के लिए विविध प्रकार से आघात किए जा रहे हैं । दूरदर्शनवाहिनियों पर संस्कृतिहीन धारावाहिक, चलचित्र (फिल्म), विज्ञापनों द्वारा हिन्दुओं का मतपरिवर्तन किया जा रहा है । हिन्दुओं के मंदिर अधिग्रहित कर उनकी प्रथा-परंपराएं नष्ट की जा रही हैं । विद्यालयों से हिन्दू बच्चों की मति भ्रष्ट कर उन्हें धर्म से दूर किया जा रहा है । इन सभी समस्याओं का समाधान केवल हिन्दू राष्ट्र ही है । इसलिए पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित हिन्दुओं को जागृृत करना आवश्यक है ।
सर्व संप्रदायों को एकत्रित करना ही हिन्दू राष्ट्र की पहली सीढी है ! – मानव बुद्धदेव, योग वेदांत सेवा समिति
संगठितरूप से विरोध करने पर धर्म पर होनेवाले आघात का मुंहतोड जबाब दे सकते हैं, इसके अनेक उदाहरण हैं । हिन्दू राष्ट्र धर्म के आधार पर आनेवाला है और वही समस्याओं का समाधान होगा ।
हिन्दुओं के लिए अभ्यासक्रम में ‘धर्मशिक्षा’ का समाविष्ट होना आवश्यक ! – अधिवक्ता सतीश उपाध्याय, अमरावती
‘इस्लामिक स्टडी’ इसप्रकार का पदवी अभ्यासक्रम मुसलमानों के लिए उपलब्ध है । हिन्दुओं के लिए भी ऐसे पदवी अभ्यासक्रम होने चाहिए ।
साधना बढने पर धर्म की रक्षा होगी ! – प्रकाश सिरवानी, सिंधु युवा सभा
सनातन धर्म विभाजित किया जा रहा है । एकत्ररूप से प्रयत्न करने पर धर्मांतर पर रोक लग सकती है । हिन्दुओं को साधना के साथ शारीरिक स्वास्थ्य की ओर भी ध्यान देना होगा ।
भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों का संगठन आवश्यक है ! – डॉ. सुरेश चिकटे, विदर्भ प्रांत प्रमुख, विश्व हिन्दू परिषद
‘भक्त पर संकट आने पर भगवान दौडे आएंगे’, यह वचन श्रीकृष्ण ने दिया है; इसीलिए हिन्दू धर्म पर वर्तमान में आया संकट दूर करने के लिए निश्चितरूप से भगवान दौडे आनेवाले हैं । केवल हमें संगठित रहना आवश्यक है । सभी हिन्दू समाज को एकत्र लाने के लिए और उसे जागृत करने के लिए हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन एकत्र रहकर धर्मकार्य करे ।