लंदन : ब्रिटेन में लव जिहाद के मामलों के बाद अब इस्लामी धर्मान्तरण पर एक हैरान कर देने वाली रिपोर्ट सामने आई है। दरअसल, ब्रिटेन सरकार द्वारा नियुक्त स्वतंत्र फेथ एडवाइजर कॉलिन ब्लूम ने 25 अप्रैल 2023 को इस संबंध में एक चौंकाने वाली रिपोर्ट ‘द ब्लूम रिव्यू’ जारी की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि, ब्रिटेन की जेल में रह रहे कैदियों को उनके साथ रह रहे मुस्लिम कैदी इस्लाम में धर्मान्तरित करवा रहे हैं और साथ ही उन्हें मुस्लिम बनने के बाद उन्हें ‘सुरक्षा’ भी दी जा रही है।
"For some inmates it is convert or get hurt… it's used as a threat to coercively control and intimidate prisoners."
Independent Faith Engagement Adviser Colin Bloom says prisons aren't doing enough to tackle religious radicalisation with inmates.@KateEMcCann | @ColinBloom pic.twitter.com/rdNsbBbCF7
— TalkTV (@TalkTV) April 26, 2023
रिपोर्ट में बताया गया है कि नए कैदियों के बिस्तर पर कुरान रख दी जाती है और उन कैदियों को विकल्प दिया जाता है कि, या तो वो इस्लाम कबूल कर लें, वरना दर्द सहें। ब्लूम की रिपोर्ट के अनुसार, यदि जेल में कोई मुस्लिम के तौर पर नहीं पहचाना जाता, तो फिर उसे मुस्लिमों की गैंग कोई सुरक्षा नहीं देती और गैर-मुस्लिम कैदी को उसी गैंग की हिंसा और धमकियां झेलनी पड़ती है। रिपोर्ट ने कहा गया है कि, सरकार को कट्टरपंथी इस्लामवाद और इस्लाम व इस्लामी कट्टरपंथियों और सामान्य मुस्लिमों के बीच फर्क देखने की अपनी कोशिशों को मजबूत करना होगा। ब्लूम की रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह जेल में तेजी से धर्मांतरण का खेल चल रहा है। रिपोर्ट में आंकड़े देते हुए बताया गया है कि, 2021 तक जेल में मुस्लिमों की जनसंख्या 18 प्रतिशत थी, जो 2002 के मुकाबले यह 8 प्रतिशत बढ़ गई है।
रिपोर्ट बताती है कि, ‘लंदन की जेलों में मुस्लिम पुरुष कैदियों की जनसंख्या, जेल की कुल जनसंख्या की कथिततौर पर करीब 30 प्रतिशत है, जो कि लंदन की सामान्य जनसंख्या में उनकी 15 प्रतिशत से काफी अधिक है।’ कॉलिन ने सरकार से ऐसे दावों की फ़ौरन समीक्षा करने की सिफारिश की, जिसमें कैदियों को जबरन कट्टरपंथी और जेल में धर्मान्तरित किए जाने की बात है। इसके साथ ही कहा कि ये मजहब आधारित गैंग से संबंधित मुद्दा है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जेलों में किसी भी धर्म के कैदियों के मुकाबले हिंदू सबसे कम हैं, किंतु रोजगार के मामले में ये सबसे अधिक हैं।
रिपोर्ट के 159 पेज में ब्लूम ने बताया है कि अभी तक मामले में ‘अपर्याप्त कार्रवाई’ की गई है। सरकार को ‘जबरन निकाह’ जैसे मुद्दों में हो रहे अन्याय को रोकने से पीछे नहीं हटना चाहिए। इसके साथ ही इस रिपोर्ट में कॉलिन ने ब्रिटेन में बढ़ रहे खालिस्तानी समर्थकों का मुद्दा भी सरकार के समक्ष रखा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, ‘नफरत और विभाजन को बढ़ाना, युवाओं का ब्रेनवॉश करना ताकि भारत में नफरत फैले, काफी दुखदायी है। कुछ सिख कट्टरपंथी समूह धार्मिक स्थलों को फंड एकत्रित करने के लिए उपयोग कर रहे हैं, ताकि घृणा फैला सकें। इस प्रकार के संगठनों को हमारे महान देश में रहने की अनुमती नहीं दी जानी चाहिए।’
ब्रिटेन में भी बढ रहा है लव जिहाद
बता दें कि, ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने हाल ही में बड़ा बयान देते हुए कहा था कि, पाकिस्तानी मूल के लोग, ब्रिटेन में गोरी लड़कियों को ड्रग्स देते है और उनका बलात्कर करते हैं। गृह मंत्री का कहना है कि ब्रिटिश पाकिस्तानी पुरुष लव जिहादी गिरोह के सदस्य हैं, जो कमजोर अंग्रेजी लड़कियों का पीछा करने, रेप करने, ड्रग्स देने और उन्हें नुकसान पहुंचाने में लिप्त हैं।
ब्रेवरमैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘अपराधी पुरुषों का एक समूह है… जिसमें करीब-करीब सभी ब्रिटिश पाकिस्तानी हैं। ये लोग ब्रिटिश मूल्यों के साथ पूर्णतः अलग सांस्कृतिक दृष्टिकोण रखते हैं। उनकी गतिविधियां एक खुला रहस्य हैं, इसके बावजूद, उन्हें उनके समुदाय (इस्लाम) और समाज दोनों के अंदर चुनौती नहीं दी गई है। जानबूझकर आंखें मूंद लेना, अपना काम न करना और इस अपराध पर चुप्पी साध लेना- इनसे इस तरह के अपराध को बढ़ावा मिला है।’
बता दें कि, ब्रिटिश गृह मंत्री जिस तरह के मामलों का जिक्र कर रहीं थी, लगभग उसी तरह के मामलों को भारत में लव जिहाद के रूप में देखा जाता है। जिसमे समुदाय विशेष के युवक पहचान छुपाकर या किसी दूसरे तरीके से झांसे में लेकर अन्य धर्म के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं और फिर उन्हें धर्म परिवर्तन करने के लिए बाध्य करते हैं।
स्रोत : न्यूज ट्रैक