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क्रूर कर्मा टीपू सुल्तान की जिहादी कट्टरता पर बनेगी ‘टीपू’ फिल्म !

मुंबई – कर्नाटक, मैसूरु के क्रूर कर्मी टीपू सुल्तान को उसकी कथित बहादुरी, सैन्य कौशल एवं राजनीतिक रणनीति के लिए ‘सुल्तान’ की उपाधि दी गई थी । आगामी चलचित्र ‘टीपू (एक धर्मांध कट्टर सुल्तान की कहानी’) के निर्माता संदीप सिंह ने विचार व्यक्त किया है कि पाठ्यपुस्तकों में झूठा लिखा गया है कि टीपू एक महान स्वतंत्रता सेनानी था, अपितु उसके चरित्र के काले सत्य को समाज में उजागर करने की आवश्यकता है। उन्होंने ४ मई को ट्वीट कर चलचित्र निर्माण करने की घोषणा की थी । सिंह वर्तमान में ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर’ नामक एक चलचित्र का निर्माण करहे हैं ।

१. संदीप सिंह ने कहा, ‘लोगों को यह विदित नहीं  कि टीपू सुल्तान कितना कट्टर जिहादी था । इतिहास की पुस्तकें उसकी उपलब्धियों से भरी पडी हैं, किंतु जब इस चलचित्र के लेखक रजत सेठी ने चलचित्र की कथा लिखी तो उसे पढकर मेरे रोंगटे खडे हो गए । इस चलचित्र के माध्यम से आने वाली पीढी के सामने उसके काले इतिहास को सामने लाना अत्यंत आवश्यक  है।’

२. इस चलचित्र के निर्माण का दिनांक, कलाकार आदि की जानकारी अभी सामने नहीं आई है। यह चलचित्र  हिन्दी के साथ कन्नड, तमिल, तेलुगु एवं मलयालम में प्रदर्शित किया जाएगा ।

टीपू उस कालखंड का हिटलर था  ! – चलचित्र दिग्दर्शक पवन शर्मा

चलचित्र के दिग्दर्शक पवन शर्मा ने कहा, ‘एक कट्टर मुसलमान बादशाह के रूप में उसकी वास्तविकता जानकर मैं आश्चर्य चकित रह गया ।’ मुझे वह सब जान कर बहुत निराशा हुई । इतिहास से छेडछाड की गई है । टीपू ने वास्तव में अनेक लोगों को इस्लाम में धर्मांतरित किया तथा मंदिरों एवं गिरजाघरों को नष्ट कर दिया । वह उस समय का हिटलर था !’

वह एक क्रूर राक्षस था ! – चलचित्र के लेखक रजत सेठी

चलचित्र के लेखक रजत सेठी ने कहा, ‘इतिहास की पुस्तकें ही नहीं, अपितु लोकप्रिय संस्कृति, चलचित्र, नाटक आदि के माध्यम से टीपू के वास्तविक चरित्र को कुशल एवं संतुलित पद्धति से चित्रित ही नहीं किया गया है । हम इस चलचित्र के माध्यम से इसे वास्तविक करने का प्रयत्न कर रहे हैं । वह एक अत्याचारी राक्षस था । इसलिए मैं उसके कुकृत्यों को विश्व के समक्ष लाना चाहता हूं । सच कहूं तो वह ‘सुल्तान’ कहलाने के योग्य भी नहीं है !

टीपू की भयावह वास्तविकता उजागर करने वाला चलचित्र प्रसारित !

निर्माता संदीप सिंह ने ट्वीट के साथ चलचित्र से जुडा ५० सेकेंड का एक चलचित्र भी सार्वजनिक  किया है । उसने ८ सहस्त्र मंदिर एवं २७ चर्च तोडे, उसमें यह दिखाया है । ४९ लाख हिन्दुओं को बलपूर्वक इस्लाम स्वीकार करने के लिए बाध्य किया गया तथा उनके मुंह में बलपूर्वक गोमांस ठूंसा गया । एक लाख से अधिक हिन्दुओं को कारगारों में डाल दिया गया । कालीकट में २ सहस्त्र ब्राह्मण परिवार मारे गए । युद्ध की घोषणा के साथ टीपू का युद्ध ‘जिहाद’, वर्ष १७८३ में प्रारंभ हुआ था, यह भी सूचित किया गया है ।

स्रोत : सनातन प्रभात

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